ओवैसी का पुराना वीडियो Udaipur Files फिल्म से जोड़कर वायरल

ये क्लिप मई 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान की है. इससे साफ होता है कि इसका फिल्म से कोई संबंध नहीं है.

Tanishq Khare
वेबकूफ
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उदयपुर फाइल्स से जोड़कर वायरल है ये वीडियो

फोटो : Altered by The Quint

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो भारतीय फिल्ममेकर्स से मुसलमानों को निशाना बनाने की बजाय बेरोजगारी जैसे सामाजिक मुद्दों पर अपना ध्यान लगाने के लिए कह रहे हैं.

वायरल पोस्ट में इस वीडियो को उदयपुर फाइल्स से जोड़ा जा रहा है, जिसमें दो मुस्लिम आरोपियों द्वारा कन्हैया लाल की हत्या को दिखाया गया है.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

सोर्स : स्क्रीनशॉट/इंस्टाग्राम

(इसी तरह के दूसरे दावों के आर्काइव्स को यहां और यहां देखा जा सकता है.)

क्या ये दावा सच है ? : नहीं, ये दावा भ्रामक है.

  • यह वीडियो 26 मई 2024 का है और इसमें ओवैसी का एक भाषण है जो उन्होंने बिहार के पालीगंज में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिया था. यानी वीडियो उदयपुर फाइल्स को लेकर विवाद शुरू होने से काफी पहले का है.

हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : हमने वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया, जिससे हमें ओवैसी के फेसबुक पेज पर इसकी लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग मिली.

हमने देखा कि वीडियो 26 मई 2024 को रिकॉर्ड किया गया था, जो कि उदपुर फाइल्स पर हुए विवाद से पहले का है.

  • वायरल हो रहा हिस्सा इस वीडियो में 36:02 मिनट पर आता है, और 34:23 मिनट पर खत्म होता है. इस दौरान ओवैसी कहते हैं कि फिल्ममेकर्स भारत में मुसलमानों को टारगेट करने की बजाय देश में बेरोजगारी जैसे दूसरे मुद्दों पर फिल्में बनाएं.

  • इसी वीडियो में, 33:00 मिनट पर, ओवैसी ने केरल स्टोरी और कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों पर सवाल खड़े किए, और कहा कि ये फिल्में मुसलमानों को बदनाम करने और लव जिहाद जैसे प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए बनायी गई हैं.

  • जनसत्ता के एक यूट्यूब वीडियो में भी इसी भाषण को दिखाया गया है.

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उदयपुर फाइल्स पर AIMIM: ABP न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, AIMIM ने द उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर रोक लगाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया. AIMIM ने इस फैसले को बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारों के फिल्म के जरिये देश का माहौल खराब करने की कोशिश पर तमाचा बताया, और मुसलमानों और धर्मनिरपेक्ष लोगों से इसका शांतिपूर्वक बहिष्कार करने की अपील की.

  • इसमें ये भी कहा गया है कि फिल्म 2022 में कन्हैया लाल की हत्या पर केंद्रित होने के बावजूद, उनका परिवार तीन साल बाद भी इंसाफ का इंतजार कर रहा है.

  • AIMIM राजस्थान के अध्यक्ष जमील अहमद खान ने फिल्म का पूर्ण रूप से बहिष्कार की अपील की और नफरत फैलाने वाले एजेंडे को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया कैंपेन की मांग की.

निष्कर्ष: ये दावा भ्रामक है, क्योंकि ओवैसी का बयान पुराना है और इसका हालिया उदयपुर फाइल्स फिल्म विवाद से कोई संबंध नहीं है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

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