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आपको इंडिया पोस्ट से एक SMS आता है जिसमें कहा जाता है कि एक पार्सल आपके पते पर डिलीवर होने का इंतजार कर रहा है, लेकिन आपको अपने पते को अपडेट करने की जरुरत है. यह आपको लिंक पर क्लिक करने और अपना पता अपडेट करने के लिए कहते हैं, आपको बताया जाता है कि ऐसा नहीं करने पर यह पैकेज वापस कर दिया जाएगा. हालांकि यह आपको वैध लग सकता है, लेकिन यह एक आम स्कैम है जो नियमित रूप से सामने आता रहता है और कई लोगों को ठग लेता है. ऑनलाइन लेन-देन अब आम बात हो गई है, साइबर अपराधी आपकी संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए आपको मिलने वाली डिलीवरी का इस्तेमाल कर आपकी उम्मीदों का फायदा उठाते हैं.
आइए देखें कि यह घोटाला कैसे सामने आता है और आप खुद को ठगे जाने से बचाने के लिए क्या कर सकते हैं.
डिलीवरी एड्रेस अपडेट करें: आपको एक अज्ञात नंबर से एक SMS मिलता है जिसमें कहा जाता है कि आपके डिलीवरी एड्रेस को 12 घंटों के अंदर अपडेट करना होगा, अन्यथा पैकेज गोदाम या सुविधा केंद्र पर वापस कर दिया जाएगा.
नकली वेबसाइट: असली दिखने के लिए, मैसेज के साथ एक लिंक भी अटैच किया जाता है जिसके URL में 'इंडिया पोस्ट' लिखा होता है, जो आपको एक फर्जी वेबसाइट पर ले जाता है जो डाक सेवा की आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखती है.
मैलवेयर डाउनलोड: जैसे ही आप लिंक पर टैप करते हैं, आपके डिवाइस पर एक खतरनाक कीलॉगर (Keylogger) इंस्टॉल हो जाता है जो आपके द्वारा टाइप की गई हर चीज को रिकॉर्ड कर लेता है, जिसमें आपके कार्ड डिटेल, पिन, पासवर्ड आदि शामिल होते हैं.
व्यक्तिगत जानकारी जोड़ें: फर्जी वेबसाइट पर अपना पता दर्ज करने के बाद, आपको एक छोटा सा पुनःडिलीवरी शुल्क देना होता है. भुगतान केवल क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ही किया जा सकता है. जैसे ही आप अपने कार्ड की डिटेल दर्ज करते हैं, कीलॉगर उन्हें रिकॉर्ड कर लेता है. स्कैमर इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं और अनधिकृत लेनदेन कर सकते हैं.
जब आप किसी पार्सल के आने की उम्मीद नहीं कर रहे हों, तब डिलीवरी सर्विस से अचानक से डिलीवरी के लिए कोई मैसेज आना.
इमरजेंसी का झूठा एहसास पैदा करना और तुरंत कार्रवाई की मांग करना, साथ ही मांगें पूरी न होने पर परिणाम भुगतने की धमकी देना.
हटाएं: भारतीय डाक पार्सल या दस्तावेजों की डिलीवरी के लिए आपका पता अपडेट करने के लिए SMS मैसेज नहीं भेजता है. लिंक पर क्लिक न करें और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर—1930—पर इसकी सूचना दें.
URL देखें: आधिकारिक भारतीय सरकारी वेबसाइटों के URL के अंत में 'gov.in' या 'nic.in' होता है.
बैंक को अलर्ट करें: अगर आपने भुगतान किया है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करके अपना कार्ड ब्लॉक करवाएं और किसी भी अनधिकृत लेनदेन की सूचना दें.
रिपोर्ट करें: अगर आपके साथ धोखाधड़ी हुई है या आपको यह धोखाधड़ी दिखाई दी है, तो जल्द से जल्द चक्षु (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) जैसे सरकारी पोर्टल के ज़रिए घटना की सूचना दें. आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
(क्विंट की ScamGuard पहल का मकसद उभरते डिजिटल घोटालों से सभी को अवगत कराना है ताकि आप सूचित और सतर्क रहें. अगर आप किसी घोटाले के शिकार हुए हैं या आपने किसी घोटाले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है, तो हमें अपनी कहानी बताएं. हमसे +919999008335 पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करें या हमें myreport@thequint.com. पर ईमेल करें.आप Google फ़ॉर्म भी भर सकते हैं और अपनी कहानी को आगे बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं.)