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डॉक्टर की अपॉइंटमेंट के नाम पर कहीं आपके साथ यह स्कैम तो नहीं हो रहा है ?

चेक-अप के लिए क्लिक कर रहे हैं? अपने इनबॉक्स में छिपे नकली बुकिंग ऐप्स से सावधान रहें.

Rupinder Kaur
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>डॉक्टर की अपॉइंटमेंट के नाम पर कहीं आपके साथ यह स्कैम तो नहीं हो रहा है ?</p></div>
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डॉक्टर की अपॉइंटमेंट के नाम पर कहीं आपके साथ यह स्कैम तो नहीं हो रहा है ?

(Altered By The Quint)

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मेडिकल प्रोफेशनल्स के साथ अपॉइंटमेंट बुक करना आमतौर पर बस कुछ ही क्लिक में हो जाने वाला एक आसान सा काम होता है. इसके लिए एक वेबसाइट या ऐप होती है जो आपको इन डॉक्टर्स की मौजूदगी के बारे में बताते है, इसके साथ ही इसमें आपकी अपॉइंटमेंट रिजर्व करने के लिए टाइम स्लॉट भी होता है.

आप पेमेंट करते हैं, और कुछ ही सेकंड में, आपके इनबॉक्स में एक कन्फर्मेशन ईमेल या SMS आ जाता है. यह इतना ही आसान होता है. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी मौजूद हैं, जो इस प्रोसेस का फायदा उठाने और अंजान पीड़ितों के पैसों को निशाना बनाने की तैयारी में रहते हैं.

इंटरनेट पर मौजूद स्कैम करने के लिए बनी यह फाइलें फर्जी डॉक्टर अपॉइंटमेंट की बुकिंग ऐप्स बनकर आपके डिवाइस को टारगेट करती हैं. यह आपके डेटा और पर्सनल डिटेल्स को लीक कर सकती हैं, और बैंक ट्रांजैक्शन कर सकती हैं जिससे आपके बैंक अकाउंट खाली हो सकते हैं. हम आपको चतुराई से छिपाई गई स्कैम की इस तकनीक के बारे में बताते हैं ताकि आप अलर्ट रहें और अपना डेटा और पैसे को सुरक्षित रख सकें.

स्कैम करने का तरीका:

  • फर्जी अपॉइंटमेंट में मदद: स्कैमर WhatsApp या फोन की मदद से क्लिनिक या हॉस्पिटल के स्टॉफ बनकर आपसे संपर्क करते हैं. यह डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करने में आपकी मदद करने पर जोर देते हैं. रिपोर्ट किए गए एक मामले में, एक पीड़ित ने ऑनलाइन क्लिनिक ढूंढा और दिया नंबर यह सोचकर डायल किया कि यह क्लिनिक का नंबर होगा, लेकिन असल में यह नंबर स्कैमर्स चला रहे थे.

  • ऐप डाउनलोड लिंक: स्कैमर आपको WhatsApp पर एक Android पैकेज किट (APK) फाइल भेजते हैं, जिसका नाम "डॉक्टर अपॉइंटमेंट ऐप" या "अपॉइंटमेंट ऐप" जैसा ही होता है.

  • डिवाइस की सुरक्षा से खिलवाड़: जैसे ही आप डाउनलोड का बटन दबाते हैं स्कैम करने वाली यह फाइल आपके फोन में इंस्टॉल हो जाती है. यह ऐप शायद आपके कॉन्टैक्ट्स, फाइलों, गैलरी, माइक्रोफोन या कैमरे तक पहुंचने की अनुमति मांगेगा. स्कैमर आपसे आपकी पर्सनल डिटेल्स देने या अपॉइंटमेंट रिजर्व करने के लिए थोड़ा एडवांस पेमेंट करने के लिए भी कहता है, जो असली दिखने का एक और तरीका है. ऊपर बताए गए मामले में, पीड़ित द्वारा अपनी डिटेल्स डालने के बाद यह ऐप डिवाइस से गायब हो गया, जबकि एक अन्य मामले में, पेमेंट करने के तुरंत बाद पीड़ित का फोन हैक हो गया था.

  • रिमोट कंट्रोल: यह फाइल स्कैमर्स को आपके फोन का रिमोट एक्सेस देती है, जिससे वे आपकी जानकारी के बिना बैंक ट्रांजैक्शन शुरू और अप्रूव कर सकते हैं. वे आपके नेटबैंकिंग अकाउंट, ईमेल आईडी और अन्य सेवाओं के पासवर्ड भी रीसेट कर सकते हैं जिनके लिए आपको लॉग इन करने की जरुरत होती है.

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खतरे की घंटी:

  • आपको बताया जाता है कि अपॉइंटमेंट सिर्फ सुझाए गए ऐप के जरिए ही बुक किए जा सकते हैं.

  • डाउनलोड किया गया ऐप आपके फोन के अलग-अलग फीचर्स को एक्सेस करने के लिए अलग-अलग परमिशन मांगता है.

  • APK फाइल इंस्टॉल करने के तुरंत बाद फोन में गड़बड़ी होना या बंद हो जाना.

  • आपसे ऐप पर अपनी पर्सनल जानकारी डालने या थोड़ी सी फीस देने के लिए कहा जाता है.

स्कैम से सुरक्षा के लिए क्या करें

  • वेरिफाई करें: अगर आपसे किसी ऐप की मदद से अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए कहा जा रहा है; तो यह पक्का करें कि आप इसे किसी भरोसेमंद सोर्स से इंस्टॉल करें, जैसे कि Google Play Store या Apple App Store, न कि किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए संदिग्ध लिंक पर टैप करके. साथ ही डाउनलोड करने से पहले इन ऍप्स का रिव्यू जरूर देख लें.

  • जांच करें: कोई भी ऐप इंस्टॉल करने से पहले, देखें कि उसे आपके डिवाइस के किन फीचर्स का एक्सेस चाहिए और उसका मकसद क्या है. अगर वह बिना किसी साफ वजह के अलग-अलग चीजों की परमिशन मांगे तो इंस्टॉलेशन कैंसिल कर दें.

  • सीधी बुकिंग: अगर आप अभी भी ऐप इस्तेमाल करने को लेकर पक्का नहीं हैं, तो अपने अपॉइंटमेंट सीधे हॉस्पिटल या डॉक्टर से उनके ऑफिशियल कॉन्टैक्ट नंबर या ईमेल ID का इस्तेमाल करके बुक करें.

  • सूचित करें: अगर आपके साथ स्कैम हुआ है तो कृपया तुरंत अपने बैंक को सूचित करें ताकि ट्रांजैक्शन को रिवर्स करने में मदद मिल सके और अगली सूचना तक आपका अकाउंट फ्रीज किया जा सके. अपने पासवर्ड जरुर बदलें - खासकर बैंकिंग ऐप्स और ईमेल के.

  • रिपोर्ट करें: इस घटना की जानकारी तुरंत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर दें या उनके हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें. आप अपने लोकल पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जांच में मदद के लिए जरुरी सबूत इकट्ठा करना सुनिश्चित करें.

  • शेयर करें: अपने दोस्तों और ग्रुप्स को इस स्कैम के बारे में बताएं और उनसे ऐसे किसी भी अलर्ट से सावधान रहने के लिए कहें.

(क्विंट की ScamGuard पहल का मकसद उभरते डिजिटल घोटालों से सभी को अवगत कराना है ताकि आप सूचित और सतर्क रहें. अगर आप किसी घोटाले के शिकार हुए हैं या आपने किसी घोटाले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है, तो हमें अपनी कहानी बताएं. हमसे +919999008335 पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करें या हमें myreport@thequint.com. पर ईमेल करें.आप Google फ़ॉर्म भी भर सकते हैं और अपनी कहानी को आगे बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं.)

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