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महाराष्ट्र एक सरकारी कर्मचारी को एक जालसाज (Scammer) ने अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी शेयर करने के लिए उकसाया, जिसके बाद उन्हें 2 लाख रुपये का चूना लग गया. श्रीधर माहुली ने AU स्मॉल फाइनेंस बैंक का क्रेडिट कार्ड लिया था और वह कभी-कभार छोटे-मोटे लेन-देन करते थे. कुछ महीने बाद, उन्हें एक स्कैमर का फोन आया - जो AU बैंक का कर्मचारी बनकर स्वास्थ्य बीमा के भुगतान के बारे में बात कर रहा था. इस कॉल के बाद उनके क्रेडिट कार्ड से कई अनधिकृत भुगतान हुए, जिससे माहुली परेशान हो गए.
अब तक, हम लोग किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को शेयर न करने के बारे में सावधानी बरतने में पारंगत हो चुके हैं, खासकर बैंकिंग से संबंधित. हालांकि, स्कैमर वैध अधिकारी बनकर बात करते हैं, जिससे एक आपातकालीन स्थिति पैदा होती है जिसमें वे सहायता देने का दावा करते हैं और फिर आपको ठग लेते हैं.
हमनें इस क्रेडिट कार्ड घोटाले का विश्लेषण किया हैं ताकि आप खुद को सुरक्षित रख सकें और धोखाधड़ी से बच सकें.
पहचान स्पूफिंग: आपको एक स्कैमर से फोन कॉल आता है जो आपके पार्टनर बैंक का कर्मचारी होने का दिखावा करता है. आपका विश्वास जीतने के लिए, वे अक्सर एक नकली आईडी कार्ड पेश करते हैं, जो किसी मौजूदा या पूर्व कर्मचारी से चुराया हुआ होता है.
फर्जी बीमा: वे पूछते हैं कि क्या आपने अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान को अपने क्रेडिट कार्ड से लिंक किया है क्योंकि राशि जल्द ही काट ली जाएगी.
स्पाइवेयर डाउनलोड: स्कैमर आपके डिवाइस पर डाउनलोड करने के लिए एक APK (एंड्रॉइड पैकेज किट) फिलर का लिंक शेयर करते हैं. यह मैलवेयर इंस्टॉल करता है जिसका इस्तेमाल आपके डिवाइस को ढंग से एक्सेस करने और/या कीलॉगर इंस्टॉल करने के लिए किया जा सकता है, जो आईडी और पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी रिकॉर्ड कर सकता है.
कार्ड विवरण चोरी: स्कैमर अब आपके फोन को दूरस्थ रूप से एक्सेस कर सकते हैं और आपके क्रेडिट कार्ड की डिटेल जोड़ने के लिए एक स्क्रीन दिखा सकते हैं. एक बार ऐसा करने के बाद, वे स्क्रीन का स्क्रीनशॉट लेते हैं और कई लेन-देन करने के लिए जानकारी का इस्तेमाल करते हैं.
किसी बैंक अधिकारी की ओर से कोई अनचाही कॉल जिसमें आपसे यह आग्रह किया जाता है कि आप अपनी क्रेडिट कार्ड की जानकारी शेयर करें, यह कहकर कि आपको तत्काल भुगतान करना है या यह कहकर कि समय-सीमा करीब आ रही है.
APK फाइलों को शेयर करना तथा आपसे उन्हें अपने डिवाइस पर इंस्टॉल करने का आग्रह करना.
अस्वीकार करें: किसी भी फाइल को डाउनलोड करने, किसी भी लिंक पर क्लिक करने या किसी भी बैंकिंग डिटेल, विशेष रूप से कार्ड डिटेल, पिन और CVV नंबर को शेयर करने से मना करें.
फोन काट दें: अगर आपको शक है, तो तुरंत कॉल काट दें और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी का इस्तेमाल करके अपने बैंक से संपर्क करें.
अपने बैंक को कॉल करें: अगर आपने अपनी जानकारी शेयर की है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें ताकि वे आपके कार्ड को ब्लॉक कर सकें और स्कैमर्स द्वारा किए गए अनधिकृत लेनदेन को ट्रैक कर सकें.
रिपोर्ट करें: अगर आपके साथ धोखाधड़ी हुई है या आप इस घोटाले को पहचानने में सक्षम हैं, तो जल्द से जल्द सरकारी पोर्टल जैसे कि चक्षु (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर—1930 के माध्यम से घटना की रिपोर्ट करें. आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)