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झारखंड के एक गांव में वैशाली अपने पिता और स्थानीय ब्लॉक प्रतिनिधि के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल पर थीं, तभी उन्हें पैसे गवाने पड़े. उन्होंने बस किसी व्यक्ति से पेमेंट "एक्सेप्ट" किया था.
उनके किसान पिता ने हाल ही में एक सरकारी योजना के लिए आवेदन किया था. कुछ ही दिनों बाद, उन्हें एक स्कैमर का फोन आया जो खुद को ब्लॉक अधिकारी बता रहा था. उन्होंने उन्हें बताया कि उनका फॉर्म स्वीकृत हो गया है और अब वे वित्तीय सहायता के पात्र हैं. लेकिन यह पैसे प्राप्त करने के लिए एक शर्त थी.
हम आपको बताते हैं कि कैसे स्कैमर्स सरकारी अधिकारी बनकर अपने शिकार को धोखा देते हैं, और अपनी जानकारी अपडेट रखकर उन्हें अपने असली होने का विश्वास दिलाते हैं.
कॉल: आपको एक धोखेबाज का फोन आता है जो आपके स्थानीय जिले का सरकारी अधिकारी या एजेंट होने का दावा करता है.
आवेदन स्वीकृत: वे दावा करते हैं कि आपका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है और आप उस सरकारी सब्सिडी या योजना के लिए पात्र हैं जिसके लिए आपने आवेदन किया था.
पैसे ट्रांसफर: वे आपको Google Pay या PhonePe जैसे UPI ऐप की मदद से पैसे भेजने पर जोर देते हैं.
कटौती की गई राशि: धोखेबाज आपको UPI ऐप के जरिए भुगतान का अनुरोध भेजता है. ऊपर दिए गए मामले में, उन्होंने पीड़िता को यह विश्वास दिलाया कि उन्हें पैसे मिलेंगे और फिर उन्हें UPI पिन डालने के लिए कहा. इसके बाद पीड़िता के खाते से राशि कट गई.
अधिकारी या प्रतिनिधि UPI की मदद से लाभार्थी को सीधे धनराशि भेजना चाहते हैं.
UPI ऐप पर भुगतान "स्वीकार" (Accept) करने का कोई विकल्प नहीं होता है; वहां कोई भी केवल पैसों का "अनुरोध" (Request) या "भुगतान" (Pay) कर सकता है.
आपके द्वारा आवेदन की गई योजना के संबंध में सरकारी पोर्टलों से कोई औपचारिक पुष्टि या SMS/ईमेल नहीं प्राप्त होना.
वेरिफाई करें: अगर आपको ऐसे कॉल आते हैं, तो अपनी योजना/सब्सिडी आवेदन की स्थिति और आवंटित राशि आपके खाते में कैसे भेजी जाएगी, यह जानने के लिए अपने ब्लॉक कार्यालय से संपर्क करें या वहां जाएं. साथ ही, जिस व्यक्ति ने आपसे संपर्क किया है, उसकी पहचान की पुष्टि करने के लिए ब्लॉक को सूचित करें.
सूचित करें: अगर आपने भुगतान किया है, तो अनधिकृत लेनदेन की रिपोर्ट करने के लिए अपने बैंक और UPI सेवा प्रदाता से संपर्क करें.
रिपोर्ट करें: अगर आपके साथ धोखाधड़ी हुई है या आपने इस धोखाधड़ी को देखा है, तो जल्द से जल्द चक्षु (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) जैसे सरकारी पोर्टल और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर—1930 पर घटना की रिपोर्ट करें. आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
(क्विंट की ScamGuard पहल का मकसद उभरते डिजिटल घोटालों से सभी को अवगत कराना है ताकि आप सूचित और सतर्क रहें. अगर आप किसी घोटाले के शिकार हुए हैं या आपने किसी घोटाले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है, तो हमें अपनी कहानी बताएं. हमसे +919999008335 पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करें या हमें myreport@thequint.com. पर ईमेल करें.आप Google फ़ॉर्म भी भर सकते हैं और अपनी कहानी को आगे बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं.)