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नेपाल प्रदर्शन में नहीं दिखाए गए पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ के ये पोस्टर

दोनों ही वीडियो पुराने हैं और इनका नेपाल में हाल ही में हुए भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

ऐश्वर्या वर्मा
वेबकूफ
Updated:
<div class="paragraphs"><p>नेपाल के हालिया प्रदर्शन से जोड़कर वायरल है ये फोटो&nbsp;</p></div>
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नेपाल के हालिया प्रदर्शन से जोड़कर वायरल है ये फोटो 

फोटो : Altered by The Quint

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर लिए सड़क पर प्रदर्शन करते कुछ लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है.

दावा: दोनों वीडियो शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो हाल ही में नेपाल में हुए भ्रष्टाचार-विरोधी प्रदर्शन से हैं. ये भी दावा किया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने नेपाल में पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं की मांग की है.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखें 

सोर्स : स्क्रीनशॉट/X

पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

सोर्स : स्क्रीनशॉट/X

(यही दावा कर रहे पोस्ट के आर्काइव्स को यहांयहांयहां और यहां देखा जा सकता है.)

लेकिन...?: ये दोनों ही पोस्टर नेपाल में हाल ही में हुए प्रदर्शन से संबंधित नहीं हैं.

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर मार्च 2025 का है, जो कि हाल की घटना से छह महीने पुराना है.

  • वहीं, पीएम मोदी का पोस्टर लिए सड़क पर चल रहे लोगों का वीडियो मई 2025 का है. ये वीडियो सिक्किम का है, न कि नेपाल का.

दावा 1: योगी आदित्यनाथ

  • आदित्यनाथ की फोटो पर एक आसान सा रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक वेबसाइट मिली, जिसमें 9 मार्च 2025 को समान तस्वीर पोस्ट की गई थी.

  • इसके टाइटल के मुताबिक, पूर्व नेपाली राजा ज्ञानेंद्र शाह और राजशाही के समर्थन में निकाली गई एक रैली में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर देखे गए थे.

  • हमने 'योगी आदित्यनाथ ज्ञानेंद्र नेपाल' जैसे कीवर्ड्स के साथ सर्च कर और जानकारी हासिल करने की कोशिश की.

रिपोर्ट मार्च 2025 की है 

सोर्स : epardafas/स्क्रीनशॉट

  • हमें बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक, योगी आदित्यनाथ के पोस्टर काठमांडू में दिखाए गए थे, जहां त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पूर्व राजा के आगमन पर लोगों ने प्रदर्शन कर राजशाही बहाल करने की मांग की थी.

रिपोर्ट में बताया गया है कि पोस्टर को लेकर काफी विवाद हुआ था. 

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  • फर्स्टपोस्ट की न्यूज रिपोर्ट में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.

  • स्टॉक फोटो एजेंसी, Getty Images ने भी मार्च 2025 में इस तस्वीर को शेयर किया था, जिससे साबित होता है कि इसका नेपाल में हाल ही में हुए प्रदर्शन से संबंध नहीं है.

फोटो 9 मार्च 2025 को पब्लिश हुई थी. 

सोर्स : स्क्रीनशॉट/Getty Images 

दावा 2: पीएम मोदी
पीएम मोदी का बैनर शेयर करने वाले एक पोस्ट में, हमने गौर किया बैनर पर "सिक्किम लिम्बू ट्राइब" और "सिक्किम" लिखा था और, साथ ही इस पोस्टर पर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक भी मौजदू था.

फोटो में सिक्किम का जिक्र है 

फोटो : फेसबुक/Altered by The Quint

  • इससे इशारा लेते हुए, हमने "सिक्किम लिम्बू ट्राइब ने किया पीएम मोदी का स्वागत" जैसे कीवर्ड्स के साथ सर्च किया.

  • इससे हमें 29 मई 2025 को इंस्टाग्राम पर शेयर की गई एक रील मिली, जिसके कैप्शन में लिखा था, "स्वदेशी लिम्बू जनजाति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया."

  • सिक्किम सरकार के समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, लिम्बू जनजातियां हिमालय में निवास करने वाले प्राचीन मंगोल मूल के भारतीयों के वंशज हैं.

  • Sukhim Yakthung Sapsok Songchumbho समुदाय के फेसबुक पेज पर 30 मई को ऐसा ही वीडियो शेयर किया गया था, जैसा "Indigenous Primitive tribe of Sikkim" ने शेयर किया था.

  • इसमें कहा गया है कि सिक्किम के राज्यत्व की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 29 मई को राज्य का दौरा करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका.

  • राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भी मई में पीएम मोदी का राज्य में स्वागत करते हुए एक पोस्ट शेयर किया था.

  • इस पोस्ट से साबित होता है कि ये वीडियो न तो नेपाल का है, और न ही ये हालिया है

निष्कर्ष: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के पुराने वीडियो गलत तरीके से नेपाल के हालिया आंदोलन से जोड़कर शेयर किए जा रहे हैं

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.? )

Published: 18 Sep 2025,04:57 AM IST

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