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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि साल 1955 में सऊदी राजा (Saudi King) के भारत दौरे के वक्त जब वो बनारस पहुंचे तो भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने बनारस के सभी मंदिरों को ढकवा दिया था. दावा शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नेहरु के कार्यकाल की तुलना वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल से की जा रही है.
दावा : सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा मैसेज है - 1955 मे जब सऊदी किंग ‘शाह सऊद' भारत यात्रा पर आये तो उन्हे खुश करने के लिए नेहरू के आदेश पऱ उनकी 17 दिन की यात्रा हेतु मार्ग के सभी मंदिरो को ढक दिया गया था, वाराणसी के सभी मंदिरो पर तो ‘कलमा तैयबा' लिखे झंडे तक लगा दिये गए थे.
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क्या ये सच है ? : नहीं, ये दावा सच नहीं है. ये सच है कि 1955 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहते हुए सऊदी के राजा ने भारत का 17 दिवसीय दौरा किया था. इस दौरान वह बनारस भी गए थे. पर इस दौरे के वक्त मंदिरों को कवर कर दिया गया था, इसका कोई जिक्र ऐतिहासिक दस्तावेजों में नहीं मिलता. न ही उस वक्त की मीडिया रिपोर्ट्स में ये जिक्र है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : सबसे पहले तो हमें ये पुष्टि करनी थी कि साल 1955 में सऊदी के राजा ने भारत का कोई दौरा किया भी था या नहीं ? हमें अगस्त 2019 का एक X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट मिला, ये सऊदी किंग के ऑफिशियल अकाउंट से किया गया था.
इस पोस्ट में बताया गया है कि सऊदी के तत्कालीन राजा ने अपनी पहली भारत यात्रा 27 नवंबर 1955 को की थी. पोस्ट में आगे ये भी बताया गया है कि 17 दिन की यात्रा में राजा ने नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, मैसूर, शिमला, आगरा, अलिगढ़ और वाराणसी का दौरा किया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय और सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी से भी ये पुष्टि होती है कि उस वक्त के राजा सऊद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद ने 1955 में भारत का 17 दिवसीय दौरा किया था.
1896 से लेकर 1978 तक की खबरों को रिकॉर्ड में दर्ज करने वाली यानी खबरों का अर्काइव करने वाली कंपनी British Parte के यूट्यूब चैनल पर भी 1955 में सऊदी राजा के भारत दौरे के वीडियो हैं.
क्या सऊदी राजा के दौरे पर मंदिरों को ढंका गया ? : ऐसा कोई सबूत हमें 1955 की न्यूज रिपोर्ट्स में नहीं मिला, जिससे ये दावा सही साबित होता हो. यही नहीं, हमने साल 1955 में सऊदी राजा के दौरे के वक्त के लोकसभा डिबेट के सारे रिकॉर्ड भी खंगाले. यहां भी मंदिरों को ढंकने से जुड़ा कोई सवाल नहीं पूछा गया था.
दौरे पर सऊदी राजा ने नहीं किया हिंदू/भारतीय संस्कृति से परहेज : सऊद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद ने अपने भारत दौरे पर भारतीय संस्कृति से जुड़ी कई चीजें देखीं, इनसे अपने आप ही ये दावा खारिज होता है कि उनकी वजह से मंदिरों को ढकवाना पड़ा. कुछ उदाहरण ये रहे.
सऊदी राजा के जीवन से जुड़े दस्तावेजों और तस्वीरों को सहेजकर रखने के लिए बनाई गई वेबसाइट kingsaud.org पर उनके 1955 के भारत दौरे से जुड़ी कई तस्वीरें हैं. ये तस्वीर 3 दिसंबर 1955 की है, जब वे बनारस के रामनगर किले में गए थे.
बनारस स्थित रामगढ़ किले में सऊद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद
फोटो : Kingsaud.org
यही नहीं अपनी बनारस यात्रा पर सऊदी के राजा ने बनारस यूनिवर्सिटी में शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति भी देखी.
दिसंबर 1955 में सऊद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के लिए हुई शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति
सोर्स : kingsaud.org
इतिहासकारों का क्या कहना है ? : हमने इतिहासकार एस.इरफान हबीब से संपर्क किया, ये पुष्टि करने के लिए कि क्या वाकई ऐसी कोई घटना घटी थी ? जब सऊदी राजा के दौरे पर मंदिर ढकवा दिए गए हों ? उन्होंने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया. ,
समकालीन भारतीय इतिहासकार वी. कृष्णा अनंथ इस दावे को खारिज करते हुए कहते हैं.
बांडुंग सम्मेलन 1955 : गुटनिरपेक्षता की ओर पहला अहम कदम बांडुंग सम्मेलन (वर्ष 1955) के जरिए उठाया गया था. इसमें भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, अब्दुल नासिर, सुकर्णो और मार्शल टीटो जैसे नेताओं ने हिस्सा लिया था. सम्मेलन में विश्व शांति और आपसी सहयोग से जुड़ा घोषणा पत्र जारी किया गया था.
इस सम्मेलन के 6 साल बाद सितंबर 1961 में यूगोस्लाविया के बेलग्रेड में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ. इस सम्मेलन में 25 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
हमने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से पूछा है कि क्या इस बात का कोई रिकॉर्ड मौजूद है कि 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने मंदिरों को ढकने का कोई आदेश जारी किया था ? जवाब आते ही स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस दावे का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है कि 1955 में सऊदी राजा के भारत दौरे पर नेहरू ने मंदिरों को ढकने का आदेश दिया था.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)