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मुंबई के आजाद मैदान में 2012 के दंगे की वजह थी गाजा के समर्थन में जुटी भीड़? गलत है दावा

Fact Check: मुंबई के आजाद मैदान में गाजा के समर्थन में नहीं, बल्कि असम में हुए दंगों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए भीड़ इकट्ठा हुई थी.

ऐश्वर्या वर्मा
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>2012 के आजाद मैदान के दंगों को गाजा से जोड़ किया जा रहा भ्रामक दावा</p></div>
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2012 के आजाद मैदान के दंगों को गाजा से जोड़ किया जा रहा भ्रामक दावा

(फोटो: Altered by The Quint)

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सोशल मीडिया पर कई तस्वीरों का एक सेट वायरल हो रहा है, जिनमें आगजनी और दंगे दिख रहे हैं.

क्या है दावा?: दावे में लिखा जा रहा है कि कैसे 11 अगस्त 2012 को गाजा पट्टी (Gaza Strip) के समर्थन में रजा अकादमी के बुलाने पर 5 लाख मुसलमानों की भीड़ आजाद मैदान में इकट्ठा हुई और पूरी मुंबई को बर्बाद कर दिया. दावे में कांग्रेस (Congress) को इसका जिम्मेदार बताते हुए ये भी लिखा जा रहा है कि तब केंद्र और राज्य, दोनों जगह कांग्रेस की ही सरकार थी.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/X)

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.)

हमारी WhatsApp टिपलाइन पर भी इस दावे से जुड़ी क्वेरी आई है.

सच क्या है?: वायरल दावा भ्रामक है. साल 2012 में असम दंगों के विरोध में मुंबई के आजाद मैदान में करीब 50 हजार लोग इकट्ठा हुए थे.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने '2012 Azad Maidan riots' कीवर्ड का इस्तेमाल कर गूगल पर घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स चेक कीं.

इससे हमें Economic Times की 11 अगस्त 2012 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया था कि ये विरोध साल 2012 की शुरुआत में असम में हुए दंगों को लेकर हुआ था.

ये विरोध प्रदर्शन असम में 2012 में हुए दंगों को लेकर हुआ था.

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Economic Times)

  • रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के मुस्लिम संगठन- रजा अकादमी ने लोगों से आह्वान किया था कि वो असम में हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के लिए आजाद मैदान में इकट्ठा हों. हालांकि, ये प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गया.

  • उसी दिन पब्लिश India Today की एक और रिपोर्ट में भी इस घटना से जुड़ी जानकारी की पुष्टि की गई थी.

  • NDTV पर नवंबर 2012 को पब्लिश एक आर्टिकल के मुताबिक, मुंबई में हुए इन दंगों के लिए 80 लोगों पर आरोप लगाया गया था. इन दंगों में दो लोगों की मौत हो गई थी और 52 घायल हुए थे. जिनमें से 44 पुलिसकर्मी शामिल थे.

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तब किसकी सरकार थी?: साल 2012 में महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार थी और पृथ्वीराज चव्हाण राज्य के मुख्यमंत्री थे. वहीं केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए II की सरकार थी.

कहां की हैं दावे में इस्तेमाल की गईं तस्वीरें?: वायरल दावे के साथ 4 तस्वीरें शेयर की गईं हैं. ये सभी तस्वीरें 2012 में आजाद मैदान में असम दंगों के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान की हैं.

हमें अलग-अलग न्यूज वेबसाइटों पर इस घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स में ये तस्वीरें मिलीं. इनमें से पहली फोटो आप यहां, दूसरी यहां, तीसरी यहां और चौथी यहां देख सकते हैं.

(सभी तस्वीरें देखने के लिए स्वाइप करें)

असम में 2012 में क्या हुआ था?: साल 2012 में असम में राज्य के मूल निवासी बोडो और यहां के बंगाली बोलने वाले मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.

बोडो लोगों ने बांग्ला भाषी मुस्लिमों पर "अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी" होने का आरोप लगाया था. PTI के मुताबिक, इस हिंसा में करीब 100 लोगों की जान चली गई.

Times of India के मुताबिक, दिसंबर 2014 तक सीबीआई ने इस हिंसा के संबंध में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और पाया था कि असम पुलिस के एक कॉन्सटेबल मोहिबुर इस्लाम ने हिंसा भड़काई थी.

निष्कर्ष: साफ है कि ये दावा झूठा है कि मुंबई के आजाद मैदान में साल 2012 में जो हिंसा हुई थी उसकी वजह गाजा पट्टी का समर्थन था.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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