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सोशल मीडिया पर एक वीडियो हालिया बताकर वायरल हो रहा है जिसमें लंदन की सड़क पर बुर्का पहने महिलाओं को जुलूस निकालते देखा जा सकता है.
क्या है दावा?: कई यूजर्स ने इसे हालिया घटना का वीडियो बताया है, तो कई ने इसे इजरायल-हमास (Israel- Hamas) युद्ध से जोड़कर दावा किया है कि यह फिलिस्तीन (Palestine) के समर्थन में निकाला गया मार्च है, जो लंदन में हर शनिवार को निकाला जाता है.
ये वीडियो बेल्जियम की सांसद दारिया सफई ने भी अपने X अकाउंट पर शेयर किया है.
स्टोरी लिखते समय तक दारिया के पोस्ट को 49 लाख व्यू मिल चुके हैं.
(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.)
सच क्या है?: न तो ये वीडियो हाल का है और न ही इसका इजरायल-हमास युद्ध से कोई संबंध है.
ये वीडियो सितंबर 2021 से इंटरनेट पर मौजूद है.
वीडियो लंदन का है. जिसमें वहां के मुस्लिमों को मुहर्रम के 10 दिन बाद होने वाले शोक दिवस 'आशूरा' को मनाते और मार्च निकालते देखा जा सकता है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वीडियो को ध्यान से देखा पाया कि इसमें एक जगह नीले रंग के बैनर पर 'Oxford Street District' लिखा दिख रहा है. यहां लाल, पीले और नीले रंग के और भी बैनर लगे देखे जा सकते हैं.
यहां अलग-अलग रंग के बैनर लटके दिख रहे हैं.
(फोटो: Altered by The Quint)
इसके अलावा, हमने वीडियो में ये भी देखा कि जुलूस में शामिल महिलाओं में से एक ने बैनर पकड़ रखा है, जिसमें 'The Legacy of Hussain Lives On' (अनुवाद: 'हुसैन की विरासत जीवित रहेगी') लिखा हुआ है.
जुलूस में शामिल होने वालों के हाथों में बैनर और झंडे देखे जा सकते हैं.
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/X/Altered by The Quint)
इसके बाद, हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले.
इनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 17 सितंबर 2021 का एक फेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें यही वीडियो शेयर किया गया था.
ये वीडियो सितंबर 2021 को शेयर किया गया था.
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक/Altered by The Quint)
पोस्ट के कैप्शन के मुताबिक, ये वीडियो 2021 में लंदन में निकाले गए आशूरी जुलूस का है.
यहां से क्लू लेकर, हमने इस जुलूस से जुड़े और भी विजुअल देखने के लिए जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च किया.
इससे हमें आशूरा जुलूस का अगस्त 2021 में पब्लिश एक यूट्यूब वीडियो मिला.
वीडियो डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, ये जुलूस लंदन के कई इलाकों से गुजरते हुए 10 डाउनिंग स्ट्रीट तक निकाला गया था.
हमें इस वीडियो और वायरल वीडियो में कई समानताएं नजर आईं.
दोनों वीडियो में बिल्डिंग पर एक जैसी पीले और सफेद रंग का कुछ देखा जा सकता है.
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/YouTube/X/Altered by The Quint)
बाएं वायरल वीडियो, दाएं यूट्यूब वीडियो
स्क्रीनशॉट/YouTube/X/Altered by The Quint)
जरूरी कीवर्ड की मदद से सर्च करने पर पता चला कि ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट से जुड़े ये बैनर असल में 2021 में लगाए गए थे. आप स्टॉक इमेज वेबसाइट Alamy पर ये फोटो देख सकते हैं.
Alamy पर उपलब्ध तस्वीर
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Alamy)
पुलिस, पत्रकारों का क्या है कहना?: वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान में रखते हुए, लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने एक पोस्ट (जो अब हटाया जा चुका है) पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि ये वीडियो हाल का नहीं है.
पोस्ट में बताया गया है कि ये वीडियो 2021 में आशूरा जुलूस से जुड़े कार्यक्रम के दौरान फिल्माया गया था.
मेट्रोपॉलिटन पुलिस के मुताबिक ये वीडियो 2021 का है.
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/X)
NBC के पत्रकार मेहदी हसन ने भी कहा है कि ये वीडियो ''2021 में इमाम हुसैन की याद में शिया धार्मिक जुलूस आशूरा'' दिख रहा है.
क्या है आशूरा?: मुहर्रम के 10वें दिन शोक दिवस के रूप में आशूरा मनाया जाता है.
शिया मुस्लिमों का मानना है कि इस दिन पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन अली कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए थे.
ऐसा माना जाता है कि उनके निधन पर शोक मनाने के लिए पैगंबर ने उपवास रखा था. ऐसा ही शिया मुस्लिम भी आशूरा के दिन करते हैं.
सुन्नी मुस्लिमों के लिए आशूरा के दिन पैगंबर मूसा और उनके अनुयायियों ने फिरौन की क्रूरता से बचने के लिए लाल सागर पार किया था.
इस संप्रदाय ने दयालुता और दान से जुड़े काम करते हुए उनकी मदद के लिए अल्लाह को शुक्रिया अदा करने के लिए उपवास भी रखा.
लंदन में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रोटेस्ट: लगातार 8 हफ्तों तक फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले लोग हर शनिवार लंदन की सड़कों पर उतरकर इजरायल-हमास युद्ध के रोकने की मांग करते थे.
The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 दिसंबर को हुए विरोध प्रदर्शन लंदन के पहले हुए विरोध प्रदर्शनों की तुलना में छोटे थे. जहां पहले लंदन की सड़कों में सैकड़ों हजारों लोग मार्च करते थे, उसमें कमी आई है.
Sky News के मुताबिक, दक्षिण लंदन के ब्रिक्सटन में इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक शख्स को "नस्लीय तौर पर गंभीर सार्वजनिक व्यवस्था के अपराध के संदेह में" हिरासत में लिया गया था. वहीं दूसरी गिरफ्तारी एक किशोर की की गई, जिस पर पुलिस वाहन को नुकसान पहुंचाने का संदेह था.
निष्कर्ष: लंदन में आशूरा जुलूस का पुराना वीडियो इजरायल-हमास युद्ध से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)