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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में आवारा कुत्तों को एक छोटी सी जगह में बंद कर दिया गया है.
ये दावा 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने प्रशासन को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया था.
क्या ये दावा सच है ? : नहीं, ये दावा गलत है.
ये वीडियो मार्च से इंटरनेट पर है और ये इराक के एरबिल का है, न कि भारत का.
हमने सच कैसे पता लगाया? : टीम वेबकूफ ने देखा कि वीडियो के शुरुआत में "एरबिल इराक" लिखा हुआ था.
वीडियो में Erbil, Irag लिखा हुआ है
सोर्स : स्क्रीनशॉट/वायरल वीडियो
इसके बाद, हमने वीडियो को अलग-अलग स्क्रीनशॉट्स में बांटा और उनमें से कुछ पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया.
इससे हमें इंस्टाग्राम पर 10 मार्च को अपलोड हुआ एक वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो जैसे ही समान विजुअल्स थे.
यूजर ने बताया कि इलाके के 3,00,000 आवारा कुत्तों में से 10 हजार से ज्यादा को इराक के एरबिल में एक खचाखच भरे "शेल्टर" में रखा गया है, जहां भोजन और मेडिकल सुविधाएं भी नहीं हैं.
जाहिर है, ये वीडियो दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कई महीने पहले अपलोड किया गया था. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को आवारा कुत्तों पर दिए गए अपने फैसले में बदलाव किया है.
हमें एक फेसबुक पोस्ट में भी वही वीडियो मिला, जिसे 'The Animal Hope & Wellness Foundation' ने 30 जून को अपलोड किया था.
हमने मामले से जुड़े कीवर्ड सर्च किए, जिससे हमें Kurdistan 24 की 27 जून की एक रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो से मिलती-जुलती फोटो शामिल थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, एरबिल प्रशासन ने एनिमल वेलफेयर प्रोग्राम के तहत 7 हजार से ज्यादा आवारा कुत्तों का इलाज कर उन्हें छोड़ दिया. इस प्रोग्राम का उद्देश्य टीकाकरण, नसबंदी और जनसंख्या नियंत्रण था.
दिल्ली-एनसीआर के बारे में: 22 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर अपने 11 अगस्त के आदेश में बदलाव करते हुए निर्देश दिया किया कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उन जगहों पर वापस छोड़ दिया जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था.
कोर्ट ने कहा कि रेबीज से संक्रमित कुत्तों या आक्रामक और हिंसक कुत्तों को शेल्टर में ही रखा जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर भी रोक लगा दी है और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा. कुत्तों को खाना खिलाने के लिए नगर निगम को फीडिंग एरिया बनाने का निर्देश दिया गया है.
निष्कर्ष: वायरल दावा गलत है क्योंकि ये वीडियो इराक के एरबिल का है और इसे 11 अगस्त को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कई महीनों पहले पोस्ट किया गया था.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.? )