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अगर आप भारत में कार, बाइक या स्कूटर के मालिक हैं, तो आपने अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर हुए सभी वाहनों के लिए सरकार द्वारा अनिवार्य हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) के बारे में जरूर सुना होगा. यह एक ऐसी नंबर प्लेट है जिससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और जिसमें बेहतर सुरक्षा सुविधाएं हैं जो पहचान करने और धोखाधड़ी और चोरी को रोकने में मदद करती हैं.
हालांकि इसका लक्ष्य सड़कों को सुरक्षित बनाना है, लेकिन धोखेबाज फर्जी वेबसाइटों के जरिए वाहन मालिकों को निशाना बनाकर मुनाफा कमा रहे हैं.
हमने इस घोटाले की पड़ताल की हैं, आपको बताएंगे कि किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए और आप अपनी संवेदनशील जानकारी और पैसे की सुरक्षा के लिए क्या कर सकते हैं.
नकली साइट: घोटालेबाज धोखाधड़ी वाली वेबसाइट बनाते हैं जो आधिकारिक HSRP पंजीकरण पोर्टल की नकल करते हैं. उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, व्हाट्सएप जैसे सोशल मैसेजिंग ऐप और यहां तक कि SMS के जरिए भी प्रचारित किया जाता है. ऑनलाइन सर्च में इनके होने की संभावना है.
इनफार्मेशन कलेक्शन: एक बार जब आप नकली पोर्टल पर क्लिक करते हैं, तो यह आपके चेसिस, इंजन और वाहन नंबर सहित आपके डिटेल रिकॉर्ड कर लेता है.
बढ़ा हुआ शुल्क भुगतान: आवश्यक जानकारी दर्ज करने के बाद, आपको UPI भुगतान करने के लिए निर्देशित किया जाता है. HSRP की कीमत विभिन्न राज्यों के परिवहन विभागों द्वारा बताई गई कीमत से ज्यादा होती है.
गायब हो जाना: भुगतान किए जाने के बाद, आपको एक नकली भुगतान रसीद, SMS मिल सकता है, या आपको कोई भी पुष्टि नहीं भी मिल सकती है. कुछ मामलों में, वेबसाइट गायब हो सकती है.
भुगतान के लिए दिया गया UPI या QR कोड संगठन या संस्था के नाम के बजाय किसी निजी व्यक्ति के नाम पर होता है.
आपके राज्य में तय की गई HSRP लागत की तुलना में ज्यादा कीमत वसूलना.
आधिकारिक पोर्टल: ज्यादातर राज्य परिवहन विभागों की वेबसाइट HSRP के लिए आवेदन करने का विकल्प देती हैं, या आप https://bookmyhsrp.com/ का इस्तेमाल करके बुकिंग कर सकते हैं.
वेरिफाई करें: कोई भी डिटेल या भुगतान सबमिट करने से पहले, साइट का पता और विक्रेता की जांच करें. अगर आप अभी भी अनिश्चित हैं, तो विक्रेता, बुकिंग प्रक्रिया और कीमत की पुष्टि करने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से संपर्क करें.
रिपोर्ट करें: अगर आपके साथ धोखाधड़ी हुई है या आपने इस धोखाधड़ी को देखा है, तो जल्द से जल्द सरकारी पोर्टल जैसे कि चक्षु (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर—1930 के जरिए घटना की रिपोर्ट करें. आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)