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एंकर: एंथनी रोजारियो
स्क्रिप्ट और एडिटोरियल इनपुट: कृतिका गोयल, अभिलाष मलिक
कैमरा: अतहर राथर
वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम, प्रशांत चौहान
क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि सोशल मीडिया पर आपके पास कोई वीडियो आया और आपने वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे को सच मान लिया. अगर इसका जवाब हां में है तो आप चिंता मत कीजिए.
हमारी खास सीरीज Verify Kiya kya के इस एपिसोड में हम आपको बताएंगे कि कैसे ऑनलाइन मिलने वाले वीडियो को वेरिफाई कर आप खुद सच पता लगा सकते हैं कि उसको लेकर किया जा रहा दावा सच है या नहीं.
उदाहरण के लिए इस वीडियो को ही लेते हैं, जिसमें दावा किया गया कि हाल में हुए यूपी इलेक्शन में कुछ महिलाओं ने समाजवादी पार्टी के लिए फर्जी वोटिंग की.
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
हालांकि, ये दावा पूरी तरह से गलत है. और इसे हम ऑनलाइन वेरिफाई करेंगे. चलिए जानते हैं कि इसके लिए क्या तरीका अपनाना होगा.
सबसे पहले गूगल क्रोम वेबस्टोर में जाकर अपने ब्राउजर में Invid एक्सटेंशन को जोड़ेंगे.
क्रोम वेबस्टोर में जाकर इनविड एक्सटेंशन जोड़ें
(फोटो: Altered by The Quint)
एक्सटेंशन ऐड होने के बाद, OPEN TOOL BOX ऑप्शन में क्लिक करेंगे, जिससे Video Analysis, Keyframes, Thumbnail जैसे कई विकल्प सामने आएंगे. हम वीडियो वेरिफिकेशन के लिए Keyframes वाले विकल्प को चुनेंगे.
Kryframes वाले विकल्प को चुनेंगे
(फोटो: Altered by the Quint)
इसके बाद वहां आपको लिंक (Link) और फाइल (File) का विकल्प दिखेगा. अगर आपके पास लिंक है तो लिंक डालकर या कंप्यूटर पर डाउनलोडेड लोकल फाइल को अपलोड कर सकते हैं.
लिंक या फाइल डालकर सबमिट करेंगे.
(फोटो: Altered by The Quint)
इतना करते ही कुछ इस तरह से वीडियो के कई कीफ्रेम आ जाएंगे, जो असल में वीडियो के स्क्रीनशॉट होते हैं.
कीफ्रेम आएंगे सामने
(फोटो: Altered by The Quint)
अब इनमें से किसी भी कीफ्रेम को चुनकर उस पर राइट क्लिक करेंगे, जिससे इनविड टूल के कई विकल्प आपके सामने आएंगे.
कीफ्रेम पर राइट क्लिक करने पर आएंगे कई सारे विकल्प
(फोटो: Altered by The Quint)
अब 'Image Reverse Search – Google' पर जब आप क्लिक करेंगे तो, गूगल इससे मिलती - जुलती तस्वीरें खोजकर आपको दिखाएगा. हालांकि, ओरिजनल सोर्स मिलने में थोड़ा टाइम लग सकता है. इसलिए, जब तक आपको ओरिजिनल सोर्स मिल नहीं जाता है, तब तक आप बाकी के कीफ्रेम्स पर जाकर यही तरीका अपना के देख सकते हैं.
यहां हमें एक फेसबुक पोस्ट मिला, जिसे 11 अप्रैल 2019 को किया गया था. वीडियो के कैप्शन के मुताबिक, वीडियो मुजफ्फरनगर का है और इसमें फर्जी वोटिंग का दावा किया गया.
अब इस वीडियो का संदर्भ ढूंढने की कोशिश करेंगे. बता दें कि वीडियो के विजुअल के साथ-साथ उसका ऑडियो भी फैक्ट चेक के लिहाज से बहुत जरूरी होता है. हमने जब इस वीडियो को ध्यान से सुना तो उसमें मौजूद महिला खुद को BSP कैंडिडेट शैला बता रही है. यहां से क्लू लेकर हमने फेसबुक पर 'BSP Candidate Shaila' कीवर्ड की मदद से सर्च किया. इससे हमें एक और वीडियो मिला. जिसकी तारीख थी 28 नवंबर 2017.
ये वीडियो 28 नवंबर 2017 को अपलोड किया गया था.
(फोटो: Altered by The Quint)
इसके अलावा, हमें BSP कैंडिडेट का एक और इंटरव्यू वाला वीडियो मिला, जिसकी तारीख है 6 दिसंबर 2017. इस वीडियो में भी वो यही दावा किया गया.
इस आधार पर ये तो साफ हो गया कि ये वीडियो हाल में हुए यूपी चुनाव का नहीं है, लेकिन ये साबित नहीं हो पाया कि वीडियो में जो आरोप लगाए गए हैं, वो सच हैं या गलत.
हमने ये सीरीज इसलिए शुरू की है, ताकि आपके लिए फैक्ट चेकिंग और ज्यादा आसान बनाई जा सके. इसलिए, अगर ऐसा कुछ है जो आप इस सीरीज में देखना चाहते हैं या अगर आपके पास ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या मेल आईडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर भेजें.