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आपकी नियमित वेब ब्राउजिंग में अक्सर स्क्रीन पर आने वाले कुछ पॉप-अप मैसेज से रुकावट आ जाती है. यह ऐसे मैसेज होते हैं जो आपको आपके डिवाइस में संभावित वायरस की चेतावनी देते हैं. यहां तक कि कुछ विश्वसनीय वेबसाइटें भी ऐसे आक्रामक विज्ञापनों से भरी होती हैं जो आपको जरुरत की वेबसाइट या लिंक तक पहुंचने से रोक देती हैं. आप ऐसे नोटिफिकेशन के कोने में बने 'X' (कट के निशान) पर क्लिक या टैप करते हैं, लेकिन कभी-कभी यह क्लिक भी आपको अन्य खतरनाक वेबसाइटों पर ले जाते हैं. यहां संदिग्ध बैटिंग की वेबसाइट, एडल्ट कॉन्टेंट और नकली एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर ऑफर अपने अगले शिकार को फंसाने के लिए तैयार रहते हैं.
इनमें से रिपोर्ट की गई कुछ घटनाओं में पीड़ितों पर अवैध चीजें देखने का आरोप लगाया गया और उन्हें बताया गया कि उनके सिस्टम को "लॉक" या "ब्लॉक" कर दिया गया है. ऐसे में किसी को भी जल्द ही घबराहट शुरू हो जाती है और आप इन अज्ञात अधिकारियों की मांगों को मानने के लिए तैयार हो जाते हैं.
यह साइबर अपराधियों की कई चालों में से एक चाल है जो समय-समय पर सामने आती रहती हैं. इस स्कैम के बारे में हम आपको डिटेल में बताते हैं ताकि आप इस तरह की महंगी गलतियों से बच सकें.
जाल बिछाना: साइबर अपराधी सुरक्षा खामियों की पहचान करने के लिए कई वेबसाइटों पर खतरनाक स्कैनिंग टूल का इस्तेमाल करते हैं. इनमें पुराने प्लगइन और कॉन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम, बिना उचित जांच के खुले अपलोड क्षेत्र, या गलत तरीके से किया गया क्लाउड स्टोरेज शामिल हो सकता है. इससे हैकर्स नुक्सान पहुंचाने वाले कोड/स्क्रिप्ट, फाइलें, लिंक या स्पैम वाले पेज डाल सकते हैं, जिन्हें Google द्वारा इंडेक्स किया जा सकता है.
खतरनाक विज्ञापन: कुछ अन्य मामलों में साइबर अपराधी असली विज्ञापनदाता बनकर विज्ञापन की जगह भी खरीद सकते हैं और अप्रूवल के लिए बिना किसी नुक्सान वाले विज्ञापन भी प्रकाशित कर सकते हैं. एक बार अनुमति मिलने के बाद, वे इन विज्ञापनों को नुक्सान पहुंचाने वाले विज्ञापनों से बदल देते हैं जो आपको स्पैम वेबसाइट पेजों पर ले जाते हैं.
नकली अलर्ट: जैसे ही आप किसी हैक किए गए वेबपेज पर पहुंचते हैं यह तुरंत पॉप-अप नोटिफिकेशन दिखाता है जो आपके सिस्टम के असली नोटिफिकेशन या आधिकारिक चेतावनियों की नकल होता है. यह आपको "Security Alert" लिखा हुआ एक बैनर दिखा सकता है. साइबर अपराधियों की आम रणनीति यह है कि उन्हें यह दावा करना है कि आपको पोनोग्राफी देखते या जुआ खेलते हुए पकड़ा गया है.
सिस्टम लॉक: इन मैसेज या नोटिफिकेशन में यह दावा किया जाता है कि आपका सिस्टम या डिवाइस "लॉक" कर दिया गया है और भारतीय दंड संहिता (IPC) या भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की धमकी दी जाएगी. इसमें यह भी दावा किया जा सकता है कि आपके वेबकैम के जरिए अवैध वेबसाइट ब्राउज करने का वीडियो या फोटो मौजूद है. इसमें कोई फुटेज नहीं होती है और इस धमकी का इस्तेमाल पीड़ितों को मजबूर करने के लिए किया जाता है.
अभी भुगतान करें या कार्रवाई का सामना करें: संदेश में आगे बताया जाता है कि गिरफ्तारी या किसी अन्य कार्रवाई से बचने के लिए, आपको तुरंत भारी जुर्माना भरना होगा.
सरकार या पुलिस की ओर से कथित "अवैध गतिविधियों" के लिए पेमेंट की मांग करने वाले पॉप-अप या अलर्ट संदेश का आना.
उलटी गिनती के टाइमर और इमरजेंसी मैसेज जिनमें अगले कुछ मिनटों में जुर्माना न चुकाने पर कार्रवाई की धमकी दी जाती है.
सामान्य या अनौपचारिक शब्दों में लिखे गए मैसेजों में व्याकरण या स्पेलिंग की गलतियां होना. गलत या फर्जी लोगो और कम-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरों (अगर कोई हो) का इस्तेमाल होना.
इनसे न जुड़ें: स्कैमर्स घबराहट और जल्दबाजी पैदा करते हैं जिससे आप तुरंत पैसे ट्रांसफर कर देते हैं, इसलिए जरुरी है कि आप एक मिनट रुकें और खुद को शांत करें.
ब्राउजर बंद करें: किसी भी लिंक पर क्लिक करने के बजाय, अपना ब्राउजर बंद कर दें. अगर यह बंद नहीं होता है, तो एक साथ Ctrl+Alt+Delete (Windows) या Force Quit (Mac) दबाएं.
एंटीवाइरस का इस्तेमाल: अपने डिवाइस पर इंस्टॉल किए गए किसी भी गलत एडवेयर या स्क्रिप्ट को स्कैन करने या हटाने के लिए अपने विश्वसनीय एंटीवायरस का ही इस्तेमाल करें.
ब्लॉक करें: अपनी गोपनीयता, सुरक्षा और साइट विकल्पों की समीक्षा करके अपनी ब्राउजर सेटिंग्स को सेट करें, जिससे आप पॉप-अप ब्लॉक कर सकते हैं और वेबसाइट का रीडायरेक्ट ऑप्शन बंद कर सकते हैं.
सूचित करें: अगर आपने स्कैमर के साथ कोई लेन-देन किया है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें. अगर आपने भुगतान करने के लिए किसी डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है, तो उन्हें ब्लॉक करने और अपने नेट बैंकिंग पासवर्ड बदलने की सलाह दी जाती है.
रिपोर्ट करें: घटना की सूचना जल्द से जल्द किसी सरकारी पोर्टल, जैसे चक्षु (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) या राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर दें. आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
शेयर करें: अपने सर्कल और समुदायों को इस स्कैम के बारे में सूचित करें और उन्हें ऐसे किसी भी अलर्ट से सावधान रहने के लिए कहें.
द क्विंट की स्कैमगार्ड पहल का उद्देश्य उभरते डिजिटल घोटालों पर नजर रखना है ताकि आप सूचित और सतर्क रहें. अगर आप किसी घोटाले का शिकार हुए हैं या उसे सफलतापूर्वक नाकाम कर पाए हैं, तो हमें अपनी कहानी बताएं. हमसे +919999008335 पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करें या myreport@thequint.com पर ईमेल करें. आप गूगल फॉर्म भी भर सकते हैं और अपनी कहानी को आगे बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं.