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क्या आपको अपने डिजिटल वॉलेट से जुड़ी कोई समस्या आ रही है? उनके कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव या बॉट से एक छोटी सी कॉल या चैट करने से समस्या का समाधान हो सकता है. एक और लोकप्रिय विकल्प यह है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खासकर X, जहां गेटवे कंपनी सक्रिय है वहां पर अपनी समस्या व्यक्त करना. यह तरीका आसान लगता है और अक्सर तुरंत समस्या का समाधान भी देता है, क्योंकि उनकी सहायता टीम आपके प्रश्न का तुरंत जवाब देती है.
हालांकि, ऑनलाइन भी कुछ छिपे हुए स्कैमर्स पाए जाते हैं, जो संबंधित कस्टमर केयर एजेंट होने का दिखावा करते हुए मदद के लिए तैयार रहते हैं. हाल ही में एक घटना में, धोखेबाजों (Scammers) ने एक व्यक्ति को संवेदनशील जानकारी शेयर करने के लिए भ्रमित किया और उसका ई-वॉलेट खाली कर दिया.
आइए डिजिटल वॉलेट घोटाले का विश्लेषण करें और जानें कि उनकी भ्रामक साजिशों से कैसे सुरक्षित रहें.
मदद चाहिए: आप अपने डिजिटल वॉलेट से जुड़ी किसी समस्या को उजागर करते हुए X पर एक पोस्ट शेयर करते हैं और आधिकारिक हैंडल को टैग करते हैं.
धोखेबाज का अलर्ट: एक स्कैमर एक नकली X हैंडल के जरिए आपसे संपर्क करता है और खुद को कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव बताकर आपको समाधान निकालने में मदद का आश्वासन देता है. वे आपसे आपका फोन नंबर मांगते हैं.
खाता पुनः लिंक करें: वे आपको बताते हैं कि आपके खाते को पुनः लिंक करना होगा, जिसके लिए आपके फोन पर SMS के जरिए एक OTP (वन-टाइम पासवर्ड) भेजा जाएगा.
वॉलेट एक्सेस: एक बार जब आप स्कैमर के साथ OTP शेयर कर देते हैं, तो आपके डिजिटल वॉलेट में मौजूद पैसा उनके खाते में ट्रांसफर हो जाता है.
ग्राहक सेवा प्रतिनिधि आपसे वह OTP शेयर करने के लिए कहते हैं जिसे आपने मंगाया ही नहीं था.
आपके पोस्ट का सार्वजनिक रूप से जवाब देने के बजाय, वे आपको कॉल करते हैं या सीधे मैसेज भेजते हैं.
रोकें: डिजिटल वॉलेट के खाते की समीक्षा करके उसके सोशल मीडिया हैंडल की पुष्टि करें. फोन नंबर की दोबारा जांच के लिए आधिकारिक ग्राहक सेवा नंबर पर संपर्क करें. आप Truecaller का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
सूचित करें: अगर आपने स्कैमर के साथ OTP शेयर किया है, तो तुरंत वॉलेट कंपनी के आधिकारिक सपोर्ट से संपर्क करके अपना खाता या UPI ID ब्लॉक करवाएं. अपने बैंक को भी सूचित करें.
रिपोर्ट करें: अगर आपके साथ यह स्कैम हुआ है या आपने यह स्कैम देखा है, तो जल्द से जल्द किसी सरकारी पोर्टल जैसे चक्षु (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर—1930 पर इसकी सूचना दें. आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
(क्विंट की ScamGuard पहल का मकसद उभरते डिजिटल घोटालों से सभी को अवगत कराना है ताकि आप सूचित और सतर्क रहें. अगर आप किसी घोटाले के शिकार हुए हैं या आपने किसी घोटाले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है, तो हमें अपनी कहानी बताएं. हमसे +919999008335 पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करें या हमें myreport@thequint.com. पर ईमेल करें.आप Google फ़ॉर्म भी भर सकते हैं और अपनी कहानी को आगे बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं.)