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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग कथित तौर पर सैनिकों पर हमलावर होते और उनसे दुर्व्यवहार करते दिख रहे हैं.
दावा: इस पोस्ट में दावा किया गया है कि यह वीडियो 2014 से पहले का है, UPA सरकार के कार्यकाल के दौरान का जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.
यह वीडियो UPA सरकार के समय का नहीं है बल्कि NDA के कार्यकाल का है.
यह वीडियो 2014 का नहीं बल्कि 2017 का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर गूगल लेंस की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में हमें India Today की 12 अप्रैल 2017 की यह रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो के बारे में बताया गया था.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 'जम्मू-कश्मीर से एक वीडियो सामने आया था जिसमें CRPF के जवानों को मतदान दल और EVM को ले जाते समय कश्मीरी युवकों द्वारा उकसाने और गाली-गलौज करने के बाद भी अत्यधिक संयम दिखाते हुए देखा जा सकता है.'
इसके सिवा हमें Times of India की 13 अप्रैल 2017 की यह न्यूज रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो से मेल खाते हुए दृश्य थे.
इस रिपोर्ट में लिखा था, 'जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को CRPF की शिकायत पर FIR दर्ज की, जिसमें 9 अप्रैल को श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान कुछ युवकों द्वारा CRPF के जवानों की पिटाई करने का वीडियो वायरल हुआ था.'
रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा था कि ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Hindustan Times में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक, "जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को CRPF द्वारा एक वीडियो क्लिप के संबंध में दर्ज कराई गई शिकायत पर FIR दर्ज की, जिसमें 9 अप्रैल को श्रीनगर में मतदान ड्यूटी पर जा रहे जवानों पर कुछ युवकों द्वारा हमला करते हुए दिखाया गया था."
निष्कर्ष: 2017 में CRPF जवानों के साथ हुई बदसुलूकी का वीडियो भ्रामक दावों के साथ वायरल.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)