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11 महीने में मेरे खिलाफ 6 FIR दर्ज करा चुकी है सरकार: पूर्व IAS 

योगी के खिलाफ लगातार बोल रहे पूर्व IAS से खास बातचीत

शादाब मोइज़ी
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योगी के खिलाफ लगातार बोल रहे पूर्व IAS से खास बातचीत
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योगी के खिलाफ लगातार बोल रहे पूर्व IAS से खास बातचीत
(फ़ोटो: altered by quint hindi)

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वीडियो एडिटर- आशुतोष भारद्वाज

इस वक्त उत्तर प्रदेश में एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चर्चा में हैं, कोरोना में सरकारी बदइंताजमी से लेकर युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रहे हैं. दनादन ट्विट करते हैं और अब इस ट्वीट का ‘इनाम’ उन्हें एक साल में 6 एफआईआर के रूप में मिला है. नाम है सूर्य प्रताप सिंह. 1982 बैच के आईएएस अफसर.

क्विंट से खास इंटरव्यू में सूर्य प्रताप सिंह ने कहा,

“ये सरकार अपने अहंकार में है, घमंड है. ताकतवर सरकार है. कोविड काल में ऑक्सीजन की कमी हो, कोई बेड ढ़ूंढे, दवाइयों की कमी हो और इन सब पर कोई इनकी आलोचना करे तो सरकार को बुरा लगता है, सरकार चाहती है कि इनकी प्रशंसा हो, चमचागिरी करो.”
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सूर्य प्रताप बताते हैं कि 12 महीने में उन पर 6 FIR हुए हैं. जब हमनें पूछा कि ऐसा क्यों हुआ तो उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव की सरकार की कमियां बताता था तब बीजेपी पीठ थपथपाती थी. लेकिन अब नाराज होती है औऱ इलजाम लगाती है कि मैं कांग्रेस या समाजवादी पार्टी के कहने पर ये सब कर रहा हूं.

मैंने कोरोना टेस्टिंग पर सवाल उठाया था, अब कम टेस्टिंग हो रहे थे तो ट्विटर पर लिखा उस मामले में मुझपर पहला FIR हुआ, बलिया में नदी में शव मिली, जिसे जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना रहे थे, तब मैंने लिखा था कि ये अपमान है इन शवों का. इसपर एफआईआर कर दिया. फिर सूचना विभाग का एक स्कैंडल था दो रुपए लेकर ट्वीट करने वाला, उसे लेकर मेरे खिलाफ कानपुर में एफआईआर किया गया. फिर उन्नाव में नदी में बहती हुई शवों के बारे में लिखा तो FIR हुआ. वाराणसी में गटर में लाश मिलने को लेकर लिखा तब मुकदमा हो गया. कासगंज में एक मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें मैंने एक नाबालिग बच्ची के दुष्कर्म और फिर मां-बेटी की मौत पर लिखा था. ये सिर्फ मैंने नहीं सभी मीडिया लिख रहे हैं.”

सूर्य प्रताप कहते हैं कि एक वकील ने कोर्ट से स्टे ऑर्डर भी ले रखा है कि मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, लेकिन फिर भी मेरे घर पर पुलिस आई, मुझे थाना बुलाया गया.

जब हमने सूर्य प्रताप सिंह से पूछा कि क्या वो बीजेपी में शामिल हुए थे, तो उन्होंने इस बात को सिरे से नकारते हुए कहा कि नहीं ऐसा कभी नहीं हुआ. हालांकि उन्होंने माना कि बीजेपी नेता अरुण जेटली के समय में वो बीजेपी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, लेकिन कभी पार्टी में शामिल नहीं हुए.

क्या 2022 विधानसभा चुनाव पर है नजर?

जब क्विंट ने रिटायर्ड अफसर सूर्य प्रताप सिंह से उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे कौन पार्टी लड़ाएगी चुनाव? कोई मुझसे संपर्क तो करे फिर जवाब दूंगा. ये सब कयास है, ये एक नैरेटिव बनाया जा रहा है. इस बार बीजेपी मेरे खिलाफ नैरेटिव बना रही है.

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