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लखनऊ (Lucknow) के लेवाना सूट होटल (Hotel Levana Suite) में 5 सितंबर को लगी भीषण आग में फर्स्ट फ्लोर पर 4 लोगों की जान चली गई, जबकि 8 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. होटल लखनऊ के टोनी हजरतगंज इलाके में है. हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश शासन ने लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब और लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर की एक संयुक्त जांच टीम गठित की है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने तीन मुख्य बिंदुओं में होटल और लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
1- होटल के नक्शे को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने दो बार नोटिस भेजा गया, लेकिन होटल की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. होटल को पहला नोटिस जोनल अधिकारी ने 26 मई 2022 को भेजा. कोई जवाब नही मिलने पर दूसरा नोटिस 28 जुलाई 2022 को भेजा गया. अब इस सम्बन्ध में तत्काल सीलिंग की कार्रवाई करते हुए ध्वस्तीकरण किया जाए.
2- होटल का नक्शा पास हुए बिना होटल का संचालन करने में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत अनुशानात्मक कार्रवाई शुरू की जाए.
3- लखनऊ के जिन होटलों का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास नहीं है उन्हें नोटिस जारी किया जाए, जिन्हें नोटिस भेजा जा चुका है. वहां कार्रवाई की जाए. जवाब ना आने पर सीलिंग की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के मुताबिक आग शार्ट सर्किट के कारण लगने की आशंका है, हालांकि आग लगने के वास्तविक कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. इसकी जांच जारी है.
मौके का दौरा करने वाले उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आग की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और प्राथमिक रिपोर्ट जल्द आने की संभावना है. ब्रजेश पाठक ने सिविल अस्पताल में होटल से रेस्क्यू किए गए मरीजों से मुलाकात की.
रिपोर्ट्स के मुताबिक लखनऊ के लेवाना सूट होटल में जिस वक्त आग लगी उस वक्त होटल के कुल 30 कमरों में से 18 में करीब 35-40 लोग ठहरे हुए थे. हजरतगंज के अग्नि सुरक्षा अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में दो को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि 8 अन्य को इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
लेवाना होटल अग्नि कांड में देर शाम राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, पवन अग्रवाल और जीएम सागर श्रीवास्तव पर लापरवाही और गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है.