‘’वैक्सीन नीति गरीब विरोधी’’, कपिल सिब्बल Exclusive

खास बातचीत में कपिल सिब्बल ने कोरोना संकट पर सरकार की नाकामी और कोर्ट के रुख पर खुलकर बात की

संजय पुगलिया
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संजय पुगलिया से  कपिल सिब्बल की खास बातचीत

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: शुभम खुराना

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि केंद्र सरकार की कोरोना वैक्सीन नीति गरीब विरोधी है. 18-44 साल के जो लोग इंटरनेट से जुड़े हैं, या जिनके आसपास इंटरनेट है, स्मार्टफोन है, कंप्यूटर है, वो रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, लेकिन बाकियों का क्या? इसके अलावा दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं, जहां वैक्सीन के लिए पैसा लिया जा रहा है, फिर यहां चार्ज क्यों जा रहा है?

क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से खास बातचीत में कपिल सिब्बल ने कोरोना संकट पर सरकार नाकामी और कोर्ट के रुख पर खुलकर बात की.

प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?

सिब्बल का कहना है कि इस वक्त वैक्सीन की कमी से देश बहुत बड़े संकट में है. ऐसे में पीएम की इस पर चुप्पी खलती है. सच्चाई ये है कि सरकार ने वैक्सीन का ऑर्डर देने में देरी की और उसी का नतीजा है कि आज हमारे पास वैक्सीन की किल्लत है.

सरकार कहती है कि दिसंबर तक वैक्सीन आ जाएगी. लेकिन तब तक क्या? तब तक तो न जाने कितनी जिंदगियां जाएंगी.
कपिल सिब्बल
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सेहत राज्य का विषय, फिर केंद्र क्यों दोषी?

सिब्बल कहते हैं कि सेहत भले ही राज्य का विषय है, लेकिन महामारी केंद्र का भी विषय है. लेकिन केंद्र ने राज्यों को उनके भरोसे पर छोड़ दिया है. केंद्र अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. आज स्थिति ये है कि राज्य वैक्सीन के लिए एक दूसरे से प्रतियोगिता कर रहे हैं. राज्य टेंडर निकाल रहे हैं लेकिन कंपनियां उन्हें वैक्सीन देने को राजी नहीं. कंपनियां केंद्र से गारंटी चाहती हैं.

मोदी जी चुनाव जीतने के लिए अच्छी प्लानिंग करते हैं, अपने मंत्रियों को, नेताओं को ग्राउंड पर उतारते हैं लेकिन कोरोना से जंग में ये प्लानिंग नहीं दिखती. वो क्यों नहीं अपने मंत्रियों से कहते कि जाओ जनता की तकलीफ देखो.
कपिल सिब्बल

कोरोना पर सरकार के कदम गलतियों से भरे हैं. और इसी का नतीजा है कि हम कोरोना पर उदाहरण बनना चाहते थे, लेकिन आज हमसे खराब उदाहरण दुनिया में कोई नहीं.

''लोग कोरोना का कहर भुला नहीं पाएंगे''

सेकंड वेव का प्रकोप कम हो रहा है ऐसे में कुछ नेता कहना शुरू कर चुके हैं कि सरकार ने दूसरी लहर को काबू कर लिया. लेकिन सिब्बल चेतावनी देते हैं-''ऑक्सीजन, बेड, वेटिंलेटर के लिए तड़पी जनता, जिन्होंने अपनों को खोया है वो लोग, इस त्रासदी को भुला नहीं पाएंगे. इस सरकार ने गांवों में बुनियादी जानकारियां तक नहीं पहुंचाई. जिन घरों में मौत हुई है, उन घरों तक सरकार कम से कम कुछ खाना तो पहुंचा सकती थी, वो भी नहीं पहुंचा पाई.''

''चुनाव आयोग की भूमिका शर्मनाक''

सिब्बल का चुनाव आयोग से सवाल है कि वो बताए बंगाल में आठ चरणों में चुनाव क्यों कराए. सिब्बल का आरोप है -''ये सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था. राज्य में बीजेपी के कार्यकर्ता कम हैं, लिहाजा आठ चरणों में चुनाव कराया गया ताकि सीमित संख्या में मौजूद कार्यकर्ता एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किए जा सकें. टीएन शेषण के आयोग से ये आयोग कहां आ गया, सोचकर मुझे शर्म आती है''

कोरोना पर सरकार की नाकामी पर अदालतों की सख्ती पर सिब्बल का मानना है कि जमीन पर खास बदलने वाला नहीं लेकिन एक संदेश जरूर जाता है.

सिब्बल की सलाह है कि सरकार को अभी से तीसरी लहर की तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि जो सूरत दिख रही है उसके हिसाब से हमें दूसरी और तीसरी लहर से एक साथ निपटना होगा.

Published: 29 May 2021,07:12 AM IST

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