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सेम सेक्स रिलेशनशिप से इंटर कास्ट मैरिज तक: क्या सोचता है यूथ?

युवा भारत का रियलिटी चेक: ये एक झलक है, अच्छी या बुरी, ये  युवा भारत खुद तय करे तो बेहतर होगा. 

बादशा रे
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रियालिटी चेक: कितनी प्रोग्रेसिव है युवा भारत की सोच?
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रियालिटी चेक: कितनी प्रोग्रेसिव है युवा भारत की सोच?
फोटो: सुमित बडोला/क्विंट हिंदी

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कैमरा: सुमित बडोला
वीडियो एडिटर: दीपति रामदास

CSDS ने साल 2017 में एक सर्वे किया। इस सर्वे के परिणाम चौंकाने वाले थे. सर्वे के अनुसार युवा भारत (Homophobic) समलैंगिकता विरोधी , महिला विरोधी (Misogynist) और रूढ़िवादी (orthodox) है. अब उन्होंने कह दिया और हम मान लें? भाई बिना सबूत के सच सिर्फ एक धारणा है, वास्तविकता नहीं. तो हमने उठाया माइक, कैमरा और दिलों में सत्य की कामना लिए निकल पड़े. सवाल बहुत सारे और सरल थे. और बनाए हुए नहीं बल्कि सर्वे से ही निकाले हुए थे.

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प्रश्न 1. क्या समलैंगिक संबंध सही हैं?

ये सवाल सुनते ही युवा फ्रंटफुट से बैकफुट पर आ गया. कुछ युवा इसके समर्थन में थे तो कुछ ने तो इसे सिरे से नकार दिया. उनका कहना है कि - ये गलत है, पृथ्वी हिल जाएगी, वगैरह-वगैरह.

प्रश्न 2. क्या लिव-इन रिलेशनशिप (शादी किए बिना साथ रहना) सही है?

हां. इस विषय पर ज्यादातर युवा सहमत थे. उनके अनुसार शादी से पहले पार्टनर को अच्छे से जानने में लिव-इन मदद करता है.

प्रश्न 3. क्या पत्नी को पति की बात हमेशा माननी चाहिए.

बिलकुल भी नहीं. ये सिर्फ मेरा ही नहीं बाकी युवाओं का भी मानना था. एक युवा का कहना था 'शादी की है, खरीद नहीं लिया है'.

प्रश्न 4. क्या दूसरी जाति/धर्म में शादी सही है?

भाई इस सवाल का जवाब आपको वीडियो देखकर ही पता चलेगा. अब इतनी तपती धूप में जाकर आपके लिए वीडियो शूट किया है, आप देखेंगे नहीं तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा.

तो हाजिर है युवा भारत का रियलिटी चेक. हम ये नहीं कहते की पूरे भारत की यही सोच है. सवा सौ करोड़ की आबादी को हम सिर्फ कुछ लोगों के नजरिए से भांप नहीं सकते पर, ये एक झलक है अच्छी या बुरी, युवा भारत खुद तय करे तो बेहतर होगा.

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