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हरियाणा के कदमा गांव की रामबाई ने सबको चौंका दिया जब उन्होंने एतिहासिक रूप से 100 मीटर की दौड़ केवल 45 सेकंड में पूरी कर ली. रामबाई से पहले ये रिकॉर्ड 101 साल की मन कौर के नाम था. दौड़ का आयोजन Athletics Federation of India ने वडोदरा में करवाया था. रामबाई को इसके बाद एक और गोल्ड मेडल 200 मीटर की दौड़ 1 मिनट 52 सेकंड में पूरी करने पर मिला था. क्विंट ने चरखी दादरी, हरियाणा पहुंच कर रामबाई से उनके अनुभव, खान-पान और सेहत के राज को लेकर बात की.
नेशनल मास्टर्स में रामबाई और उनका परिवार
Image: The Quint
1917 में जन्मी, रामबाई की ट्रैक पर यात्रा 2021 में ही शुरू हुई और यह सब उनकी पोती शर्मिला सांगवान की बदौलत हुआ. उन्होंने 104 साल की उम्र में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से दौड़ना शुरू किया और कहा कि अगर मौका मिलता तो वह पहले ही शुरू कर देती.
एथलेटिक्स के साथ रामबाई का पहला प्रयास नवंबर 2021 में वाराणसी में हुआ, जहां उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने उनके साथ यात्रा की और उन्हें भाग लेते हुए देखा, और उन्होंने निश्चित रूप से पदक जीता.
उसके बाद, उनकी पोती उन्हें बदलापुर, नेपाल और वडोदरा ले गईं. जबकि उन्होंने केरल और बैंगलोर के लिए ट्रेन यात्रा की. प्रत्येक प्रतियोगिता ने उन्हें पदकों, कहानियों और यादों के साथ वापसी करते देखा है.
वह उस गांव में रहती हैं, जहां वह खेतों में दौड़कर ट्रेनिंग पूरी करती हैं. और हाल ही में ट्रैक सूट और दौड़ने के जूते जैसी चीजें उनके जीवन का हिस्सा बन गई हैं. हर बार जब रामबाई प्रतियोगिता के लिए जाती हैं, तो उनकी पोती जो खुद भी एक एथलीट है देश की राजधानी उन्हें छोड़ने और लेने के लिए जाती है.
रामबाई अपनी पोती शर्मिला से बात कर रही हैं, जबकि उनका परपोता देख रहा है
Image: The Quint
जब उनसे पूछा गया कि वह यह सब कैसे कर लेती हैं, तो उन्होंने अपनी डाइट और खान-पान के बारे में हंसते हुए बताया कि यह सब पौष्टिक आहार पर निर्भर है. वह शाकाहारी हैं, और ज्यादातर ताजा और गांव में उगाई जाने वाली हरी सब्जी और अनाज का सेवन करती हैं.
इसके अलावा, वह नियमित रूप से दिन में लगभग 3-4 किलोमीटर दौड़ती हैं, और घंटों मैदान के चक्कर लगाती हैं.