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निर्भया गैंगरैप केस (2012) के बाद महिलाओं के सुरक्षा पर तमाम सवाल उठे. हर जगह ये बातें होने लगीं कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ करना ही होगा. आत्मसुरक्षा की भी बातें होने लगी है. मतलब महिलाएं खुद इतनी सक्षम हो जाएं कि वो ऐसी स्थिति का सामना कर सकें.
कुछ इसी तरह की आत्म सुरक्षा का पाठ कोलकाता की आएशा नूर भी पढ़ा रहा हैं. 20 साल की आएशा कराटे में इंटरनेशनल लेवल पर 3 और नेशनल लेवल पर 2 गोल्ड झटक चुकी हैं. इतना ही नहीं वो छोटी बच्चियों को फ्री में कराटे क्लास भी देती हैं ताकि वो समय आने पर दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकें.
आएशा हफ्ते में तीन दिन लड़कियों को क्लास देती हैं खासकर अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को.
जब वो पंच मारती है तो पंच बैग पूरी तरह से हिल जाता है, लेकिन पूरी तरह से स्वास्थ दिखने वाली आएशा को बचपन से मिरगी की बीमारी है. हालांकि उसने अपनी इस बीमारी को अपने जुनून के बीच नहीं आने दिया. मिरगी के झटके ही कारण हैं कि वो ठीक से बोल नहीं पाती.
8 साल पहले 12 साल की उम्र में उसके पिता गुजर गए थे. आएशा और उसके तीन भाई बहनों को मां शकीला खातून ने बड़ा किया. उसकी मां कहती हैं वो खराब हालातों के बावजूद चाहती थीं कि उनकी बेटी कराटे सीखे.
इतनी वाहवाही के बाद भी आएशा के हालात ठीक नहीं हुए. उसकी दवाई में हर महीने 3 हजार रुपये का खर्चा आता है. उसे कराटे के सिलसिले में विदेश भी जाना होता है. उसके बड़े भाई मोहम्मद फारुक कहते हैं कि ये बड़े दुख की बात है कि अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.
(लड़कियों, वो कौन सी चीज है जो तुम्हें हंसाती है? क्या तुम लड़कियों को लेकर हो रहे भेदभाव पर हंसती हो, पुरुषों के दबदबे वाले समाज पर, महिलाओं को लेकर हो रहे खराब व्यवहार पर या वही घिसी-पिटी 'संस्कारी' सोच पर. इस महिला दिवस पर जुड़िए क्विंट के 'अब नारी हंसेगी' कैंपेन से. खाइए, पीजिए, खिलखिलाइए, मुस्कुराइए, कुल मिलाकर खूब मौज करिए और ऐसी ही हंसती हुई तस्वीरें हमें भेज दीजिए buriladki@thequint.com पर.)