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AAP नेता आशुतोष लिखते हैं- मोदी जी के तीन साल. तीन साल, माने आधे से ज्यादा कार्यकाल पूरा. नये चुनाव की तैयारी की ओर बढ़ते कदम. इन तीन साल को मापने का पैमाना क्या हो? अर्थव्यवस्था में सुधार, कानून-व्यवस्था बहाल, लोकतंत्र खुशहाल, संस्थाएं मालामाल या कुछ और?
क्या वे उम्मीदें पूरी हुईं, जिनकी लहर पर सवार हो उनका स्वागत देश ने किया था? मनमोहन सिंह जब देश के प्रधानमंत्री बने थे, तो देश को उनसे आशा नहीं थी. उन्हें पूरा प्रधानमंत्री माना ही नहीं गया था. वो सोनिया की चरणपादुका लेकर दस साल सरकार चलाते रहे. उनके पहले अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. दो दर्जन से अधिक छोटी-छोटी पार्टियों के गठबंधन के नेता. वो बड़े नेता थे, लेकिन देश को उनसे भी चमत्कार की उम्मीदें नहीं थीं.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की 12वीं परीक्षा का रिजल्ट बुधवार को नहीं आया.
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से बोर्ड की मॉडरेशन पॉलिसी को रद्द करने पर रोक लगाई गई है, जिसके बाद ही 24 मई को आने वाले रिजल्ट को टाल दिया गया है.
पाकिस्तान में जबरन शादी कर फंसी भारतीय महिला उजमा को इस्लामाबाद कोर्ट ने भारत लौटने की इजाजत दे दी है. उजमा ने आरोप लगाया था कि एक पाकिस्तानी शख्स ने उससे बंदूक की नोंक पर शादी कर ली थी.
उजमा ने इस्लामाबाद की एक कोर्ट में अपने पति ताहिर अली के खिलाफ एक याचिका भी दायर की थी, जिसमें उसने ताहिर पर प्रताड़ित करने और धमकाने का आरोप लगाया था.
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के लिए इंग्लैंड रवाना होने से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. विराट कोहली ने कहा कि एमएस धोनी और युवराज सिंह टीम इंडिया के मजबूत स्तंभ हैं. विराट के मुताबिक ये दोनों ही सीनियर खिलाड़ी अपना काम बखूबी जानते हैं और अगर इन्हें आजादी से खेलने का मौका मिले तो किसी भी टीम की धज्जियां उड़ा सकते हैं.
एस राजामौली की फिल्म बाहुबली और आमिर खान की फिल्म दंगल ने कमाई के नए रिकॉर्ड बनाए, लेकिन इसके बावजूद देश की फिल्म इंडस्ट्री अपने सुस्त दौर में ही कही जा सकती है.
हालात ये है कि दुनिया की किसी भी फिल्म इंडस्ट्री से ज्यादा फिल्में बनाने वाली भारत की फिल्म इंडस्ट्री आउटडेटेड इंफ्रास्ट्रक्टर और पाइरेसी की शिकार है. इतनी फिल्में बनाने के बावजूद कमाई के लिहाज से ये हॉलीवुड के आस पास भी नहीं ठहरती है.
केपीएमजी-फिक्की के मुताबिक, साल 2014 की तुलना में साल 2017 में भारतीय फिल्मों ने कम पॉजिटिव रिटर्न दिया है. यानी इंडस्ट्री फिलहाल सुस्त है.