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सीतामढ़ी: माता सीता की जन्मस्थली का क्यों नहीं हुआ अयोध्या जैसा विकास? | Ground Report

Lok Sabha Election: सीतामढ़ी में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान है.

शादाब मोइज़ी
राजनीति
Published:
<div class="paragraphs"><p>Ground Report: 'सीता की नगरी' उपेक्षित क्यों? सीतामढ़ी के लोगों ने क्या बताया?</p></div>
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Ground Report: 'सीता की नगरी' उपेक्षित क्यों? सीतामढ़ी के लोगों ने क्या बताया?

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में अयोध्या में बने राम मंदिर के निर्माण की चर्चा प्रमुख रूप हावी है. कौन राम भक्त है और कौन राम विरोधी है, ये आरोप-प्रत्यारोप आए दिन नेताओं के भाषण और चुनावी रैली में सुनने को मिल रहे हैं. राम की चर्चा जोरों पर है तो उनकी पत्नी सीता की उपेक्षा करने के भी आरोप लगने अब शुरू हो गए हैं. दरअसल, क्विंट हिंदी की टीम बिहार के सीतामढ़ी पहुंची, जिसे माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है. हमने यहां की जमीनी हकीकत को समझने की कोशिश की.

जर्जर सड़कें 'विकास' को दिखा रही आईना!

स्थानीय निवासी आर्यन ने क्विंट से बात करते हुए कहा, "यहां रेलवे क्रासिंग के लिए एक रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पिछले 10 साल से बन नहीं पा रहा है. जो भी कुछ निर्माण हुआ है, वो दस साल पहले हुआ था."

स्थानीय निवासी आर्यन

(फोटो: स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

सीतामढ़ी नगर निगम के वार्ड पार्षद ललन प्रसाद ने कहा, "नेपाल के बॉर्डर से अगर किसी को सीतामढ़ी शहर में आना है तो वो उस ब्रिज को पार करके ही मार्केट में आ सकते हैं. तीन-तीन घंटा जाम लगता है, कितने लोगों ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया लेकिन समस्या का अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ."

सीतामढ़ी नगर निगम के वार्ड पार्षद ललन प्रसाद

(फोटो: स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

स्थानीय कुंती देवी ने कहा, "सीताकुंड़ जाने वाली सड़क की स्थिति जर्जर है. दूर-दूर से लोग यहां आते हैं लेकिन सड़क देख उन्हें निराशा महसूस होती है."

सीताकुंड़ जाने वाली सड़क

(फोटो: स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

स्थानीय विक्की कुमार गुप्ता ने कहा, " मैंने अपने जीवन में इस सड़क को बनते नहीं देखा."

'सीतामढ़ी की उपेक्षा हुई'

ललन प्रसाद कहते हैं, "सरकार को प्राथमिकता तय करनी होती है...तो हो सकता है हमारी माता जानकी सरकार के प्राथमिकता में नहीं है.. आज प्राथमिकता में अयोध्या हुआ.. बनारस हुआ.. तो ही दोनों जगह का विकास हुआ...अयोध्या विवादित था, तो सारे लोगों ने उस पर ध्यान दिया, हमारी माता कभी विवाद में नहीं रहीं तो माता को लोग उपेक्षित छोड़ दिए हैं."

सीतामढ़ी में JDU बनाम RJD का मुकाबला

सीतामढ़ी में 16 बार लोकसभा का चुनाव हुआ है, जिसमें से कांग्रेस चार, जेडीयू और जनता दल ने तीन, आरजेडी ने दो और जनता पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी, कांग्रेस (यू) ने एक बार जीत हासिल की है.

इस बार जेडीयू ने अपने वर्तमान सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को मैदान में उतारा है. वहीं आरजेडी से अर्जुन राय मैदान में हैं. राय 2009 में यहां से जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते थे.

सीतामढ़ी में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान है.

लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़ी क्विंट हिंदी की तमाम ग्राउंड रिपोर्ट को आप यहां क्लिक कर के पढ़ सकते हैं.

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