Members Only
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Hindi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Shambhavi Chaudhary पिता की JDU छोड़ चिराग की LJP से क्यों लड़ी रहीं चुनाव?

Shambhavi Chaudhary पिता की JDU छोड़ चिराग की LJP से क्यों लड़ी रहीं चुनाव?

समस्तीपुर सीट से प्रत्याशी शांभवी चौहरी, जेडीयू नेता और नीतीश कैबिनेट में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं.

शादाब मोइज़ी
राजनीति
Published:
<div class="paragraphs"><p>Shambhavi Chaudhary Interview: पिता की JDU छोड़ चिराग की LJP से क्यों लड़ी रही चुनाव?</p></div>
i

Shambhavi Chaudhary Interview: पिता की JDU छोड़ चिराग की LJP से क्यों लड़ी रही चुनाव?

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

Lok Sabha Election 2024: "तेजस्वी यादव के पास दूरदर्शी रोडमैप नहीं है, वो बार-बार एक ही बात बोलते हैं, इसलिए मैं उनसे प्रभावित नहीं हूं." ये बात लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) की प्रत्याशी शांभवी चौधरी ने क्विंट हिंदी को दिए एक इंटरव्यू में कही.

शांभवी चौधरी, उन युवा चेहरों में से एक हैं, जो लोकसभा चुनाव 2024 के सियासी बिसात पर अपनी किस्मत को अजमाने मैदान में उतरी हैं. बिहार की समस्तीपुर सीट से प्रत्याशी शांभवी चौधरी, जेडीयू नेता और नीतीश कैबिनेट में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं.

महिलाओं को टिकट कम क्यों?

"दूसरी पार्टी के बारे में बोलना ज्यादा सही नहीं होगा लेकिन हम अपनी पार्टी के बारे में बोल सकते हैं. चिराग पासवान ने अपने कोटे से 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है. हम ये कह सकते हैं कि अब धीरे-धीरे सोच में बदलाव आ रहा है और इसका असर आने वाले समय में दिखेगा."

 अशोक चौधरी की बेटी, कुणाल किशोर की बहू, शांभवी चौधरी को टिकट क्यों मिला?

"मुझे टिकट अशोक चौधरी या कुणाल किशोर की वजह से नहीं बल्कि अपनी क्षमताओं की वजह से मिला है. चिराग भइया हमेशा कहते हैं कि राजनीति में पढ़े-लिखे लोगों को आना चाहिए, और मेरे अंदर वो सब है. रही बात राजनीति में नए होने की तो, मैं बता दूं कि पॉलिटिक्स हमारे खून में हैं और हम बचपन से वही देखते आ रहे हैं."

शांभवी चौधरी पर बाहरी होने का आरोप?

इस सवाल के जवाब में शांभवी ने कहा, "ये कहना बिल्कुल गलत है क्योंकि लोकसभा सीट का दायरा बहुत बड़ा होता है. ऐसे में हर कोई किसी को नहीं जानता है. सब लोग सोशल मीडिया पर भी इतने एक्टिव नहीं है कि वो जान सकें कि कौन सामाजिक रूप से कितना काम कर रहा है और ऐसा सिर्फ मेरा साथ नहीं बल्कि बिहार में कई प्रत्याशियों के साथ है. ये सिर्फ एक धारणा बना दी गई है, जो गलत है."

तेजस्वी यादव के बारे में क्या सोचती हैं शांभवी?

"तेजस्वी लोगों को बहकाने और तोड़ने का काम कर रहे हैं. कहीं जाकर बार-बार सिर्फ ये बोल देने से कि हम नौकरी दे रहे हैं, ये कोई थोड़ी मान लेगा. अगर आपके पास कोई प्लान है तो हम लोगों से शेयर कीजिए. नौकरी एनडीए की सरकार ने दी है और हमारी सरकार के पास आगे भी इसका रोडमैप है."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
"तेजस्वी कहते हैं कि वो 17 महीने की सरकार में लाखों नौकरी दे दिए तो ये गलत है. इसका प्रोसेस 3 साल पहले से शुरू हो गया था, उनके आकर फाइल पर साइन करने से थोड़ी लोगों को नौकरी मिली है. अब वो इस पर राजनीति कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है."
शांभवी चौधरी, प्रत्याशी, समसतीपुर, एलजेपी (रामविलास)

समस्तीपुर में 'अपनों' से लड़ाई

ये सीट सुरक्षित है और यहां शांभवी चौधरी के सामने समस्तीपुर के पूर्व सांसद एवं वर्तमान में नीतीश कैबिनेट में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं, शांभवी के पिता भी नीतीश सरकार में मंत्री है यानी इस सीट पर अपरोक्ष रूप से नीतीश कुमार के दो मंत्री भी आमने-सामने हैं.

पिछले बार क्या रहे नतीजे?

पिछले दो चुनाव के नतीजों को देखें तो ये सीट एलजेपी का गढ़ रही है. 2014 और 2019 में यहां से रामविलास पासवान के छोटे भाई रामचंद्र विजयी हुई थे. वहीं, उनके निधन के बाद खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में रामचंद्र के बेटे प्रिंस राज ने यहां से एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी. जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अशोक कुमार रहे थे.

वर्तमान में इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा की सीटे हैं , जिसमें समस्तीपुर के चार समस्तीपुर , कल्याणपुर , वारिसनगर और रोसरा विधानसभा की सीट हैं. वहीं इसमें दरभंगा जिले के दो विधानसभा कुशेश्वर स्थान और हायाघाट शामिल हैं.

समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र में 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अनुपात क्रमशः 18.63 और 0.15 फीसदी है. जबकि मुस्लिम 18.12 फीसदी के करीब हैं. यहां कुशवाहा और यादव वोटर निर्णायक हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़े तमाम पॉलिटिक्ल इंटरव्यू को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Become a Member to unlock
  • Access to all paywalled content on site
  • Ad-free experience across The Quint
  • Early previews of our Special Projects
Continue

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT