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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है. प्रदेश में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है. बता दें कि बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "SIR के बाद अंतिम मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को दे दी गई है. नामांकन दाखिल करने की तिथि के बाद जारी होने वाली मतदाता सूची अंतिम होगी."
चुनाव आयोग के मुताबिक, 30 सितंबर 2025 तक बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं.
पुरुष मतदाता: 3.92 करोड़
महिला मतदाता: 3.50 करोड़
ट्रांसजेंडर: 1725
बिहार में मतदाताओं की संख्या
(फोटो: स्क्रीनशॉट)
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां औसतन प्रति केंद्र 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 76,801 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं. सभी मतदान केंद्रों (100%) पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है. 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.
बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
(फोटो: स्क्रीनशॉट)
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ. चुनाव आयोग ने SIR के बाद 30 सितंबर को मतदाताओं की लिस्ट जारी की, जिसमें 7.42 करोड़ मतदाता हैं. इससे पहले 1 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट में 7.24 करोड़ मतदाता थे. फाइनल लिस्ट में मतदाताओं की संख्या बढ़ गई है. बता दें कि 24 जून यानी विशेष गहन पुनरीक्षण से पहले बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी. SIR से पहले और SIR के बाद के डेटा का विश्लेषण करें तो (7.89 करोड़ -7.42 करोड़) 47 लाख मतदाता कम हुए हैं.
चुनाव आयोग ने कहा कि यदि कोई पात्र व्यक्ति अभी भी अपना नाम वोटर लिस्ट में जोड़वाना चाहता है तो वह चुनाव में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले तक आवेदन कर सकता है.
बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 122 सीटें जीतना जरूरी है. प्रदेश में फिलहाल जेडीयू और बीजेपी के घटक दलों वाली एनडीए सरकार है. आरजेडी के तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में इस बार में पांच दल हैं. बीजेपी और जेडीयू के अलावा चिराग पासवान की एलजेपी (आर), जीतन राम मांझी की एचएएम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा.
वहीं महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एमएल) लिब्रेशन, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम इन दोनों गठबंधन में से किसी का भी हिस्सा नहीं है. 2020 के चुनाव में उनकी पार्टी पांच सीटों पर चुनाव जीतने में सफल रही थी, लेकिन बाद में उनकी पार्टी के चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे.
2020 में बिहार में 3 फेज में विधानसभा चुनाव हुए थे. 28 अक्टूबर से 7 नवंबर तक वोटिंग हुई थी. 10 नवंबर को नतीजे आए थे. पिछले चुनाव में 58.7 फीसदी वोटिंग हुई थी.
2020 में जेडीयू 115 सीटों पर लड़कर 43 सीटें जीती थी, जबकि बीजेपी ने 110 में से 74 सीटों पर जीत दर्ज किया था. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 7 में से 4 और मुकेश सहनी की वीआईपी 11 में 4 सीट जीतने में कामयाब रही थी. एनडीए ने 37 फीसदी वोट शेयर के साथ 125 सीटों पर कब्जा जमाया था.
दूसरी तरफ महागठबंधन को भी 37 फीसदी वोट शेयर मिले थे और 110 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. आरजेडी ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 पर जीत हासिल की. कांग्रेस को 70 में से सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत मिली थी. लेफ्ट पार्टियों ने 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 16 पर जीत दर्ज की थी.