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झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Election 2024) के दूसरे चरण में संथाल परगना और छोटानागपुर क्षेत्र सहित 38 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा. संथाल परगना में जीत जेएमएम और बीजेपी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संथाल परगना में आदिवासियों के लिए आरक्षित बरहेट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, यहां उन्होंने लगातार दो बार जीत दर्ज की है. 1990 से यहां जेएमएम का झंडा बुलंद है. बरहेट में बीजेपी कभी नहीं जीत पाई है. बीजेपी के गमालियल हेंब्रम सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
धनवार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी का मुकाबला जेएमएम और सीपीआई-एमएल के उम्मीदवारों से है. इस बीच, राज्य के दूसरे सबसे अमीर उम्मीदवार निरंजन राय, 16 नवंबर को बीजेपी में शामिल हो गए, उन्होंने पहले धनवार से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. अमित शाह ने एक चुनावी रैली में राय का पार्टी में स्वागत किया.
वहीं, गांडेय में जेएमएम विधायक और स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन की किस्मत का फैसला होना है. पिछले साल जून में गांडेय से उपचुनाव जीतने वाली कल्पना सोरेन का मुकाबला बीजेपी की मुनिया देवी से है. धनवार और गांडेय दोनों सीटें अनारक्षित हैं और उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्र में हैं.
81 सदस्यीय विधानसभा में आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 सीटों में से 20 पर मतदान हो चुका है.
दुमका, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और देवघर के छह जिलों से मिलकर बना संथाल परगना क्षेत्र झारखंड के पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों का निर्माण करता है और इसकी सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है. इस क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा संथाल आदिवासियों और मुसलमानों के वर्चस्व वाला है. इसके अलावा ओबीसी, एससी और अगड़ी जातियों की भी अच्छी-खासी आबादी है.
लोकसभा चुनाव में जेएमएम ने दुमका और राजमहल दोनों अनुसूचित जनजाति सीटों पर जीत दर्ज की थी. जेएमएम 11 सीटों पर, कांग्रेस पांच और आरजेडी दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. एनडीए में बीजेपी ने 17 और AJSU पार्टी ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं.
घुसपैठ बीजपी के मुख्य मुद्दों में से एक रहा है, पार्टी नेता संथाल परगना में कथित "जनसांख्यिकी में बदलाव" का मुद्दा उठा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा समेत कई प्रमुख नेताओं ने इंडिया ब्लॉक पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने राज्य की रोटी-माटी और बेटी को बचाकर झारखंडी अस्मिता (पहचान/गौरव) को बनाए रखने का वादा किया है.
आदिवासी बहुल इलाकों में संथाली भाषा में जेएमएम के नारे गूंज रहे हैं, जैसे- जेल रेयाक् जोबाब जीत ते. आक् सार दो अकोया? अबुआ आबुआ (जेल का जवाब जीत से...धनुष-बाण किसका? हमारा-हमारा). हेमंत ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने पांच महीने के कारावास का मुद्दा बार-बार उठाया है और खुद को आदिवासियों, गरीबों और दलितों के चैंपियन के रूप में पेश किया है.
संथाल परगना के अंतर्गत नाला में जेएमएम के विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, जामताड़ा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री डॉ इरफान अंसारी और मधुपुर में जेएमएम उम्मीदवार हफीजुल अंसारी, बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में खड़े हैं.
कांग्रेस पार्टी ने जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को पाकुड़ से मैदान में उतारा है. चार बार कांग्रेस विधायक रहे और राज्य में कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के कुछ प्रमुख मुस्लिम चेहरों में से एक आलमगीर आलम को 16 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. यहां AJSU उम्मीदवार अजहर इस्लाम के लिए कड़ी चुनौती होगी.
20 नवंबर को उत्तरी छोटानागपुर की 18 सीटों पर भी मतदान होना है (क्षेत्र की 25 में से सात सीटों पर पहले चरण में मतदान हो चुका है), जिसमें भारत की कोयला राजधानी के रूप में प्रसिद्ध खनन शहर धनबाद भी शामिल है.
बीजेपी को कोयला क्षेत्र से खास उम्मीदें हैं.
इस क्षेत्र में बीजेपी 14 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसकी सहयोगी AJSU चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जेएमएम ने आठ सीटों पर, कांग्रेस ने छह सीटों पर और CPI-ML ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. दक्षिणी छोटानागपुर की सिल्ली सीट पर AJSU प्रमुख सुदेश कुमार महतो चुनाव लड़ रहे हैं.
बगोदर में पार्टी के विधायक विनोद सिंह का मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार नागेंद्र महतो से है. निरसा में CPI-ML के अरूप चटर्जी बीजेपी विधायक अपर्णा सेनगुप्ता से सीट छीनने की कोशिश में हैं.
फिर, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट चंदनकियारी में बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का मुकाबला अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी जेएमएम के पूर्व मंत्री उमाकांत रजक से है.
अपने पहले विधानसभा चुनाव में JLKM ने 71/81 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. जयराम डुमरी और बेरमो से एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं. JLKM कम से कम दस सीटों पर एनडीए और इंडिया के उम्मीदवारों को चुनौती देती दिख रही है.
लोकसभा चुनाव में गिरिडीह से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले टाइगर जयराम 3,47, 322 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. AJSU उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी, जबकि जेएमएम प्रत्याशी दूसरे पायदान पर रहे थे. हालांकि, गोमिया और डुमरी विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें जेएमएम और AJSU उम्मीदवारों से ज्यादा वोट मिले. डुमरी में जेएमएम मंत्री बेबी देवी का मुकाबला जयराम और AJSU की यशोदा देवी से है.
कुड़मी महतो कुल आबादी का लगभग 15 प्रतिशत हैं और छोटानागपुर में कम से कम एक दर्जन सीटों पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
(लेखक झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार हैं. ये उनके निजी विचार हैं.)
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