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उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) शहर में पिछले कई दिनों से हो रहे भू-धंसाव की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर धंस गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा गुरुवार को जारी की गई तस्वीरों में इस बात का पता चला है. जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद पनपे हालातों को देखते हुए राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने एक इमरजेंसी मीटिंग की. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं.
राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने बताया कि जोशीमठ आपदा के लिए 45 करोड़ रुपए दिए गए हैं. आपदा के निपटने के लिए मंत्री अपने एक महीने का वेतन देंगे. कैबिनेट ने फैसला किया है कि आपदा से प्रभावित नागरिकों को अब मासिक किराए पर घर के लिए चार हजार के बजाय पांच हजार रुपए दिए जाएंगे.
इसके साथ ही लोन भरने से एक साल की छूट से लेकर छह महीने तक बिजली पानी के बिल माफ करने का फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने तय किया है कि प्रदेश में भर्ती परीक्षा में नकल माफियाओं का बाजार पूरी तरह से खत्म करने के लिए देश में सबसे सख्त कानून लाया जाएगा.
जोशीमठ के आपदा प्रभावित इमारतों के मालिकों को स्थाई विस्थापन नीति निर्धारण होने से पहले 1 लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा सामान ढुलाई के लिए 50 हजार रुपए दिए जाएंगे, यानी कुल 1 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि देना तय किया गया है.
जिला प्रशासन द्वारा चयनित जमीनों का सर्वे होने के बाद आपदा प्रभावित लोगों को रहने के लिए प्री-फेब्रीकेटेड स्ट्रक्चर बनाया जाएगा.
मंत्रिमंडल ने यह भी निर्देश दिया है कि आपदा प्रभावित परिवारों को घर या पैकेज के रूप में धनराशि दिए जाने का फैसला लिया जाएगा.
जोशीमठ के वो नागरिक जो किराए के घरों में रहते हैं और आपदा से प्रभावित हुए हैं, उनको किराए के रूप में अधिकतम 6 महीने के लिए 4 हजार रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी. इस राशि को 4 हजार से बढ़ाकर 5 हजार किए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है.
आपदा प्रभावित परिवारों को होटल या आवासीय ईकाईयों में राहत कैंप के रूप में अधिवास कराए जाने के लिए एसडीआरएफ के मानकों के मुताबिक खर्च उपलब्ध कराया जाएगा. राहत कैंप में रहने के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को भोजन के लिए 450 रुपए दिया जाएगा.
जिन नागरिकों के पास पशु हैं, उनके लिए भी धनराशि दी जाएगी. छोटे पशुओं के लिए 45 रुपए और बड़े पशुओं के लिए 80 रुपए दिया जाएगा.
भू-धंसाव से प्रभावित इमारतों में हुए नुकसान का एक जिला स्तरीय समिति सर्वे करेगी, उसके बाद सहायता राशि देने के लिए एक सप्ताह के अंदर पैकेज तैयार करके भारत सरकार को देने का निर्देश दिया गया है.
नवंबर 2022 से अगले 6 महीने तक के लिए जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के बिजली और पानी के बिल माफ किए जाने का फैसला लिया गया है.
जोशीमठ में आपदा प्रभावित व्यक्तियों के द्वारा बैंकों से लिए गए लोन की वसूली को स्थगित करने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा.
उत्तराखंड के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता के बारे में स्टडी करने का फैसला लिया गया है.