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संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में शटडाउन (US Shutdown) के ठीक तीन घंटे पहले मध्य रात्रि में स्टॉपगैप फंडिंग बिल (Stopgap Funding Bill) पास कर दिया गया, ताकी अगले 45 दिनों तक अमेरिका की सरकार को चलाने के लिए पैसा मिल सके.
अमेरिकी कांग्रेस में बिल के पक्ष में 335 और विपक्ष में 91 वोट पड़े. सीनेट में 88 वोट पक्ष में और 9 वोट विपक्ष में पड़े.
लेकिन, स्टॉपगैप फंडिंग बिल क्या है? अमेरिका में शटडाउन का क्या मतलब है? शटडाउन की स्थिति क्यों बनी? शटडाउन का देश पर क्या असर पड़ता है? आइए समझते हैं.
अमेरिका में एंटी डेफिशियंसी एक्ट के तहत सरकार को चलाने के लिए जिस फंड का इस्तेमाल होता है उसे हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (कांग्रेस) और सीनेट मंजूर करती है. जब इन दोनों सदनों से बिल पास होता है तब सरकार को कामकाज के लिए फंड दिया जाता है.
समझने के लिए आप अमेरिकी कांग्रेस को लोकसभा और सीनेट को राज्यसभा मान लीजिए.
भारत में भी केंद्र सरकार को बजट के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में मनी बिल पारित कर ही फंड दिया जाता है.
कई बार ऐसा स्थिति बन जाती है कि अमेरिका में फंडिंग बिल पास नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में सरकार को कामकाज के लिए फंड नहीं मिल पाता और फिर शटडाउन की स्थिति बन जाती है.
अमेरिका में सरकार डेट सीलींग लगाई गई थी ताकी अमेरिकी सरकार और उधार न ले सके. लेकिन जून 2023 में सदन में सहमति बनने के बाद सीलींग को खत्म कर दिया गया और सरकार को कर्ज लेने की इजाजत मिल गई. लेकिन उस समय विपक्षी दल के सदस्यों ने शर्त रखी कि सरकार को अपने खर्च में कमी लानी होगी, अंतरराष्ट्रीय मामलों (जैसे यूक्रेन को आर्थिक सहायता देने) में खर्च को घटाना होगा.
आखिरकार स्पीकर केविन मैकार्थी ने दोनों के बीच सहमति बनाई और स्टॉपगैप फंडिंग बिल पारित करवाया. लेकिन अभी भी अमेरिका में फंडिंग पारित नहीं किया गया है. फिलहाल बनी सहमति के बाद कुछ फंड को मंजूर किया गया है ताकी 45 दिनों तक सरकारी कामकाज चल सके.
बाइडन के कार्यकाल में फिलहाल तो शटडाउन टल गया है लेकिन इससे पहले भी कई बार अमेरिकी सरकार कुछ दिनों के लिए शटडाउन हुई थी.
ट्रंप के कार्यकाल से पहले भी कई बार अमेरिका में शटडाउन हुआ था.
बता दें कि शटडाउन का अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ता है.