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तमिलनाडु: विजय की रैली में भगदड़ से 38 की मौत, "10000 की उम्मीद 27000 लोग आए"

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रु घायलों को 1 लाख रु देने का ऐलान किया है.

विकास कुमार
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में भगदड़</p></div>
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तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में भगदड़

द क्विंट

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तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की रैली में भगदड़ होने से 38 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 12 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे हैं. तमिलनाडु के डीजीपी जी वेंकटरमण ने कहा, रैली में 10,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन लगभग 27,000 लोग इकट्ठा हुए. ऐसे में बताते हैं कि घटना कैसे हुई और जांच के लिए सरकार ने क्या किया?

"TVK की रैलियों में पहले कम भीड़ होती थी"

करूर भगदड़ पर तमिलनाडु के प्रभारी डीजीपी जी वेंकटरमण ने कहा, "यह एक बेहद दुखद घटना है. अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है.12 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे (पांच लड़के और पांच लड़कियाँ). घटना के बाद, हमने पुलिस द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की.

"इससे पहले TVK की रैलियों में कम भीड़ होती थी, लेकिन इस बार उम्मीद से कहीं ज्यादा लोग जुटे. हालांकि आयोजकों ने करूर में एक बड़े मैदान की मांग की थी और लगभग 10,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन लगभग 27,000 लोग इकट्ठा हुए. जिस प्रचार स्थल पर विजय को जनता को संबोधित करना था, वहां 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे."

"भीड़ बिना पर्याप्त भोजन और पानी के घंटों इंतजार कर रही थी"

तमिलनाडु के प्रभारी DGP जी वेंकटरमण ने कहा, "सभा की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटनी शुरू हो गई थी. जब विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे, तब तक भीड़ बिना पर्याप्त भोजन और पानी के घंटों इंतजार कर रही थी. यही सच्चाई है."

"विजय ने खुद पुलिस की भूमिका की सराहना की, लेकिन जोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस को 27,000 की पूरी भीड़ के बराबर संख्या में तैनात करना चाहिए. इस दुखद घटना के पीछे के कारणों का पता जांच के बाद ही चलेगा. एक सदस्यीय आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है. तब तक, मैं इस पर और कोई टिप्पणी नहीं कर सकता."

मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा, "अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. हमारे राज्य के इतिहास में किसी राजनीतिक दल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान कभी नहीं गई और भविष्य में भी ऐसी त्रासदी कभी नहीं होनी चाहिए.

"फिलहाल 51 लोगों का गहन चिकित्सा इकाई में इलाज चल रहा है. भारी मन से मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है. मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. घायलों को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. मैंने एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग के गठन का आदेश दिया है."

पीएम और सीएम ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दुखद है. जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. इस कठिन समय में उन्हें शक्ति मिले. घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं"

डीएमके नेता सेंथिल बालाजी ने कहा, "करूर में टीवीके प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति बनी. इसमें 31 लोगों की मौत हुई और 58 लोगों को सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जिला प्रशासन और मुझे तत्काल चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री शीघ्र ही पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री कल करूर का दौरा करेंगे"

रजनीकांत ने कहा, "करूर में हुई इस घटना में निर्दोष लोगों की जान जाने की खबर दिल दहला देने वाली और बेहद पीड़ादायक है. जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं"

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