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केंद्र सरकार आज लोकसभा में विवादास्पद 'ट्रिपल तलाक' बिल पर चर्चा के बाद उसे पारित करा सकती है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सदन में मौजूद रहने को कहा है. इस 'ट्रिपल तलाक' बिल में एक साथ, अचानक तीन तलाक दिए जाने को अपराध करार दिया गया है. साथ ही दोषी को जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है. कई विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके मांग कर रही हैं कि इसे जांच-पड़ताल के लिए संसदीय समिति को सौंपा जाए.
कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में ‘रिजॉर्ट पॉलिटिक्स’ की शुरुआत हो चुकी है. कांग्रेस को झटका देने की फिराक में लगी बीजेपी बुधवार को उस वक्त खुद झटका खा गई, जब उसके दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के समर्थन में वोट कर दिया. बीजेपी के दो विधायकों ने बुधवार को क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट के लिए मध्य प्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोट किया था.
लोकसभा में बुधवार को हंगामे के बीच गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) संशोधन विधेयक 2019 यानी UAPA पारित हो गया. इस बिल को कांग्रेस ने स्टैंडिंग कमेटी को भेजने की मांग की और विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया. इस बिल पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. सरकार का कहना है कि इस बिल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी को और ताकत मिलेगी.
बता दें कि Unlawful activities (prevention) act 1967 में संशोधन से संस्था ही नहीं, किसी व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकेगा. इतना ही नहीं, किसी पर शक होने से ही उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकेगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कबूल किया है कि पाकिस्तान में 30 से 40 हजार आतंकी मौजूद हैं. इमरान खान ने ‘यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' में कहा कि इनमें से कई आतंकी ट्रेनिंग लेने के बाद अफगानिस्तान और कश्मीर में सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पिछली सरकारों में आतंकियों को नियंत्रित करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी, यही वजह है कि देश में 30 से 40 हजार आतंकियों की मौजूदगी है.
बच्चों के साथ यौन अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यसभा में एक बिल पास किया गया, जिसमें ऐसे अपराध में दोषी को मौत की सजा तक का प्रावधान किया गया है. राज्यसभा ने बुधवार को पॉक्सो संशोधन विधेयक पारित किया, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को भी परिभाषित किया गया है.
इस बिल के मुताबिक 18 साल से कम किसी भी मासूम के साथ अगर दुष्कर्म होता है, तो वह पॉक्सो एक्ट के अंदर आता है. इसमें तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है. साथ ही अगर कोई भी व्यक्ति किसी बच्चे को गलत नीयत से छूता है या फिर उसके साथ गलत हरकतें करने की कोशिश करता है या उसे पॉर्नोग्राफी दिखाता है, तो उसे धारा 11 के तहत दोषी माना जाएगा. इसके तहत दोषी को तीन साल तक की सजा हो सकती है.