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JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में चल रहे तमाम कयासों को सच साबित कर दिया. एक बार फिर उन्होंने बिहार के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ अपनी 17 महीने पुरानी पारी पर भी विराम लगा दिया. रविवार, 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया, साथ ही NDA के सहयोग से सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया.
सीएम नीतीश कुमार के दोबार NDA में शामिल होने पर तमाम पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा...
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इस विश्वासघात के विशेषज्ञ और उन्हें इशारों पर नचाने वालों को बिहार की जनता माफ नहीं करेगी. बिलकुल साफ है की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से प्रधानमंत्री और BJP घबराए हुए हैं और उससे ध्यान हटाने के लिए यह राजनीतिक ड्रामा रचा गया है."
बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा, "जिस तरह से दिसंबर में परिस्थितियां बन रही थीं, उससे बिहार, बंगाल के समान हो जाता जहां हर व्यक्ति को डर के साये में जीना पड़ता. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने बिहार के हित में निर्णय किया है."
जब नीतीश कुमार के पाला बदलने के कयास लगाए जा रहे थे तब RJD ने कहा था कि भले ही खेल किसी और ने शुरू किया हो लेकिन खत्म हम करेंगे.
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा , NDA का जितने दिनों का शासन रहा उसमें हमारा 15 महीनों का शासनकाल भारी है. तेजस्वी यादव ने बिहार की तरक्की के लिए काम किया है .
लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार में अब तक पर्यावरण मंत्री का पद संभाल रहे तेजप्रताप यादव ने भी गठबंधन की सरकार गिरने के बाद एक्स पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा...
आरएलजेडी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद एक्स पर ट्वीट में लिखा, बड़े भाई नीतीश जी जिस काली कोठरी में चले गए थे. वहां रोज़ ब रोज उनकी आयु घट रही थी. बाहर आने के लिए साधुवाद. जान भी बची, बिहार भी बचा."