Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Hindi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मोदी की पहली ब्रिटेन यात्रा से बेहतर होगी सामरिक भागीदारी

मोदी की पहली ब्रिटेन यात्रा से बेहतर होगी सामरिक भागीदारी

पीएम मोदी ब्रिटेन यात्रा पर हैं और माना जा रहा है कि इस यात्रा में दोनों देशों के बीच रिश्तों में भारी प्रगति होगी.

अशोक सज्जनहार
न्यूज
Updated:


2014 में ब्रिसबेन में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिटिश प्रधानमंत्री डैविड कैमरन (फोटो: Reuters)
i
2014 में ब्रिसबेन में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिटिश प्रधानमंत्री डैविड कैमरन (फोटो: Reuters)
null

advertisement

  • मोदी की यह यात्रा पिछले लगभग एक दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ब्रिटेन यात्रा होगी
  • यह यात्रा एक ऐसे उपयुक्त समय पर हो रही है जब दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावशाली गति से तरक्की कर रही हैं
  • पीएम मोदी क्वीन एलिजाबेथ के साथ लंच भी करेंगे, जोकि एक ऐसा सम्मान है जो हालिया कई भारतीय प्रधानमंत्रियों को नहीं मिला है
  • कैमरन और मोदी के कुछ बड़े मुद्दों पर चर्चा करने की संभावना है और इस दौरान भारतीय और ब्रिटिश शहरों की ‘ट्विनिंग’ की भी घोषणा हो सकती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपनी पहली तीन-दिवसीय ब्रिटेन यात्रा शुरू करेंगे.

पिछले लगभग 10 सालों में यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ब्रिटेन यात्रा होगी. इस दौरान यूके के तीन प्रधानमंत्री भारत आ चुके हैं- जिनमें 2005 में टोनी ब्लेयर, 2008 में गॉर्डन ब्राउन और 2010 एवं 2013 में वर्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरन शामिल हैं. कैमरन तो साल 2010 में प्रधानमंत्री बनने के 10 सप्ताह के भीतर ही भारत दौरा कर चुके थे.

इन यात्राओं के बदले में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की यात्रा नहीं की, जो ऐसा संदेश दे सकता है कि ब्रिटेन के साथ संबंधों को भारत तवज्जों नहीं देता है.

ब्रिटेन चाहता था कि पीएम मोदी जल्दी से ब्रिटेन की यात्रा करें. लेकिन शायद भारतीय पक्ष ने यह सोचा कि यदि पीएम इस साल की शुरुआत में ही वहां जाते हैं, तो यह ब्रिटेन में मई 2015 में होने वाले चुनावों के काफी करीब हो जाएगा.

उस समय की गई यात्रा का राजनीतिक रूप से गलत अर्थ निकलता क्योंकि इसे चुनावों पर प्रभाव डालने के तौर पर देखा जा सकता था. मोदी और कैमरन पिछले साल नवंबर में जी-20 के शिखर सम्मेलन में एक-दूसरे से मिल चुके थे.

ब्रिटेन में पीएम मोदी का प्लान

ब्रिटेन पहुंचते ही पीएम मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन से बातचीत करेंगे. वो हाल ही में लगाई गई महात्मा गांधी की मूर्ति को माल्यार्पण करने के साथ-साथ ब्रिटिश पार्लियामेंट के सदस्यों को संबोधित भी करेंगे.

हालांकि फिलहाल पार्लियामेंट का सेशन नहीं चल रहा है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि उस दिन वहां अधिकांश सदस्य उपस्थित होंगे. इसके बाद वह पीएम कैमरन के आवास ‘चेकर्स’ के लिए रवाना होंगे, जहां वो कैमरन के साथ डिनर करेंगे और
फिर रात को वहीं रुकेंगे.

शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी क्वीन एलिजाबेथ - II के द्वारा दिए गए भोज में शामिल होंगे. यह एक ऐसा सम्मान है जो हाल के किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को नहीं मिला है.

इसके अलावा मोदी लंदन स्थित टाटा मोटर्स जैगवार एंड लैंड रोवर (जेएलआर) की फैक्ट्री का दौरा करेंगे, जहां वह इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि भारतीय कंपनियां जहां भी स्थित हैं, वहां उन्होंने नौकरी पैदा करने और समृद्धि बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.

जेएलआर, टाटा स्टील (पूर्व कोरस ग्रुप), टेटली टी, होटल आदि मिलाकर टाटा ग्रुप मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में ब्रिटेन में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली कंपनी है.

जी20 के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अंकारा रवाना होने से पहले वह बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के घर भी जाएंगे और 12वीं सदी के भारतीय दार्शनिक बसवेश्वर की मूर्ति का अनावरण भी करेंगे.

यह यात्रा एक ऐसे उपयुक्त समय पर हो रही है जब दोनों ही देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावशाली गति से तरक्की की राह पर हैं.

इस यात्रा के दौरान ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय कंपनियां उम्मीद करेंगी कि लगभग 15 खरब डॉलर की व्यापार और निवेश की डील पूरी हो जाएं.

क्या हैं ये डील्स, डालिए एक नजर

  • बीएई सिस्टम्स द्वारा बैंगलुरु में असेंबल किए गए 20 और हॉक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की बिक्री
  • वोडाफोन का भारत के टेलिकॉम क्षेत्र में निवेश
  • भारत में हाउसिंग और रेलवे के विस्तार को फाइनैंस करने के लिए सिटी ऑफ लंदन में ‘मसाला’ बॉन्ड्स की मार्केटिंग
  • इसके अलावा हेल्थ केयर, एजुकेशन, साइंस ऐंड टेक्नॉलजी, स्किल डिवेलपमेंट, आरऐंडडी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, ग्रीन एनर्जी, एनर्जी एफिशियंसी, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, लो कार्बन टेक्नॉलजी और साइबर सेक्युरिटी के क्षेत्र में विस्तार उनके एजेंडे में प्रमुखता से होंगे.
न्यू यॉर्क के मैडिसन स्वेयर गार्डन में पीएम मोदी को सुनते दर्शक. (फोटो: Reuters)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

भारतीयों से मुलाकात

विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीयों से बातचीत करना पीएम मोदी की विदेश यात्राओं की खासियत रही है.

ब्रिटेन में भारतीय मूल के लगभग 15 लाख लोग रहते हैं, और पीएम मोदी का ब्रिटेन के मशहूर वेंबली स्टेडियम में स्वागत करने के लिए 60,000 से ज्यादा भारतीय मौजूद रहेंगे. इस भारी भीड़ से मोदी का परिचय खुद ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन कराने वाले हैं.

कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि कुछ नाराज तत्व जैसे कि गुजरात में आरक्षण का मांग कर रहे पाटीदार समुदाय के लोग, कश्मीरी, सिख, मुस्लिम आदि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले हैं.

हालांकि ये चीजें उनकी यात्रा पर कुछ खास असर नहीं डाल पाएंगी.

कुछ मुद्दे और कुछ नई घोषणाएं

कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं जो दोनों देशों के संबंधों की तेज तरक्की में बाधाएं पैदा करते हैं। वोडाफोन (2.6 बिलियन डॉलर) और केर्न एनर्जी (1.6 बिलियन डॉलर) पर लगाया गया रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स, और 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में एसआईएस लाइव के लाइव कवरेज की बकाया 29 मिलियन पाउंड की राशि के भुगतान में देरी इन मुद्दों में शामिल है.

इसके अलावा भारतीय छात्रों और उद्योगपतियों के वीजा से जुड़े मुद्दे, जिनपर कैमरन से पहले भी बात की जा चुकी है, भी प्रमुखता से शामिल होंगे.

दोनों प्रधानमंत्री भारत सरकार की ‘स्मार्ट सिटी’ योजना के संदर्भ में कुछ ब्रिटिश और भारतीय शहरों की ट्विनिंग के बारे में घोषणा कर सकते हैं.

वर्तमान में भारत का राजकोट और ब्रिटेन का लिसेस्टर, जहां गुजराती मूल के काफी लोग रहते हैं, जुड़वा शहर हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा, जर्मनी की चांसलर मर्केल, ब्रिटिश पीएम कैमरन, (पिछली पंक्ति बाएं से दाएं) ऑस्ट्रेलियन पीएम एबॉट, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के प्रतीक दिखाए गए हैं. (फोटो: रॉयटर्स)

ब्रिटेन से व्यापारिक रिश्ते

भारत के व्यापारिक हिस्सेदारों में ब्रिटेन 18वें नंबर पर है.

दोनों देशों के बीच 2014-15 में 14.34 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था, जो 2013-14 की तुलना में 9.37 प्रतिशत कम था.

ब्रिटेन 22.21 बिलियन डॉलर के संचयी निवेश के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा इनवर्ड इन्वेस्टर है (अप्रैल 2000 - मार्च 2015).

जी20 अर्थव्यवस्थाओं की बात की जाए तो यूके उनमें पहले नंबर पर आता है और भारत के कुल इन्वेस्टमेंट में लगभग 9 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है.

वहीं भारत ब्रिटेन के पांच सबसे बड़े निवेशकों में शामिल है और 700 से भी ज्यादा भारतीय कंपनियों ने वहां 19.9 बिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है. ब्रिटेन अकेले भारत से इतना निवेश आकर्षित करता है जितना वो बाकी के पूरे यूरोपियन यूनियन से भी नहीं करता.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा भारत और ब्रिटेन के सामरिक संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति और मजबूती ला सकती है.

Published: 12 Nov 2015,07:29 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT