दिल्ली के दिलशाद गार्डन में दिखा क्विंट IMPACT

द क्विंट My रिपोर्ट का इम्पैक्ट:दिल्ली के दिलशाद गार्डन में हफ्तों से जमा कूड़ा हुआ साफ

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(फोटो: क्विंट हिंदी)
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

कोरोना महामारी के चलते जब सभी लोग अपनी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, तो वहीं दिल्ली (Delhi) के दिलशाद गार्डन (Dilshad Garden) कूड़े की समस्या से जूझ रहा था.

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कुछ हफ्ते पहले मैंने क्विंट के लिए अपनी और आसपास के लोगों की समस्या रिपोर्ट की थी जिसके बाद 1 अक्टूबर को MCD वाले आकर सभी कूड़ा-कचरा साफ कर के गए थे, ये आस-पास के लोगों के लिए एक बड़ी जीत के जैसा था जो इस समस्या से लंबे समय से जूझ रहे थे.

अब कोई मच्छर नहीं, न ही आती है बदबू

प्रतीक एक दुकानदार हैं. उनका कहना है कि 'द क्विंट पर हमारे वीडियो के आने के बाद MCD ने इसपर एक्शन लिया. मैं द क्विंट का शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने हमारे मुद्दे को उठाया.’

प्रतीक की बात को ही आगे बढ़ाते हुए उनके पड़ोसी दुकानदार कहते हैं कि, 'अब यहां मच्छर नहीं हैं और न ही गंदी बदबू आती है'

दिलशाद गार्डन में रहने वाले और आस-पास के दुकानदारों की ये समस्या थी कि उनके इलाके में कचरा फेंकने की जगह प्रशासन ने बनाई है, जहा सभी कूड़ा फेंक कर जाते हैं. लेकिन हफ्तों तक उस कूड़े को कोई उठाने या साफ करने नहीं आता था. 'मैं कहना चाहता हूं कि अब यहां हमेशा एक कचरे वाली गाड़ी मौजूद रहती है.

जब कूड़ा यहां पड़ा रहता था तो इससे बीमारियों का डर बढ़ रहा था, डेंगू, मलिरिया का खतरा लगातार बना रहता था क्योंकि यहां का वेस्ट मैनजमेंट सिस्टम बहुत बुरी हालत में था

22 सितंबर को द क्विंट से बातचीत में दिलशाद गार्डन के MCD काउंसिलर बीएस पवार ने बताया था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला उन्होंने तुरंत इसका संज्ञान लिया और कार्रवाई की.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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