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"जिम्मेदारी से बोलें", हाईकोर्ट के बाद मंत्री शाह को SC से भी फटकार- FIR दर्ज

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ने एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था.

क्विंट हिंदी
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ने एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था.</p></div>
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मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ने एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था.

(फोटो: अल्टर्ड बाय क्विंट हिंदी)

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मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज की गई है. इंदौर के मानपुर थाने में BNS की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य), 196(1)(b) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 197(1)(c) (किसी धार्मिक, नस्लीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूह या जाति या समुदाय के नाम पर वैमनस्य, घृणा या द्वेष की भावना पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इससे पहले बुधवार, 14 मई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.

वहीं हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मंत्री शाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गुरुवार, 15 मई को मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने बीजेपी नेता पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मंत्री को "जिम्मेदारी" के साथ बोलना चाहिए.

FIR की कॉपी

(द क्विंट द्वारा प्राप्त)

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टस जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि जब देश ऐसी स्थिति से गुजर रहा है तो संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को जिम्मेदार होना चाहिए और उन्हें पता होना चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं

"आप किस तरह का बयान दे रहे हैं? संवैधानिक पद पर बैठे ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदार होना चाहिए."
CJI बीआर गवई

उन्होंने आगे कहा, "जब यह देश ऐसी स्थिति से गुजर रहा है... तो उन्हें पता होना चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं. सिर्फ इसलिए कि आप एक मंत्री हैं."

हालांकि, शीर्ष अदालत ने एफआईआर पर कोई रोक लगाने से इनकार करते हुए मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की है. बेंच ने कहा, "हम इस पर कल सुनवाई करेंगे. आप जानते हैं कि आप कौन हैं. हम जानते हैं कि कुछ नहीं होगा. सिर्फ इसलिए कि आप एक मंत्री हैं."

इससे पहले बुधवार रात को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उनके कार्यालय की ओर से कहा गया, "माननीय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने कैबिनेट मंत्री श्री विजय शाह के बयान के संदर्भ में कार्रवाई करने के निर्देश दिए है."

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत अपराध का मामला बनता है. जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य) के तहत प्रथम दृष्टया अपराध है.

"मंत्री का विवादित बयान अलगाववादी गतिविधियों की भावनाओं को बढ़ावा देता है, जिससे भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरा है... प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ यह अपराध (धारा 152 बीएनएस) बनता है."

बेंच ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया बीएनएस की धारा 192 के तहत भी अपराध बनता है, जो धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा या जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है.

इसके साथ ही बेंच ने अपने आदेश में मौखिक रूप से कहा, "सशस्त्र बल, जो ईमानदारी, अनुशासन, निस्वार्थता और असीमित साहस को दर्शाता है, उसे विजय शाह ने निशाना बनाया है."

कोर्ट ने आगे कहा,

"यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ, सशस्त्र बलों के चेहरे थे, जो ऑपरेशन सिंदूर की प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी दे रहे थे. मंत्री ने कुरैशी के खिलाफ ये अक्षम्य बयान एक इशारे के तौर पर दिया, लेकिन यह किसी और के लिए नहीं बल्कि सिर्फ उन्हीं के लिए था. "
कोर्ट ने डीजीपी को आज शाम तक मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर डीजीपी ने कोई चूक की तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना ​​अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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कांग्रेस ने की बर्खास्त करने की मांग

इस मामले में कांग्रेस ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. बुधवार, 14 मई को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) चीफ जीतू पटवारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भोपाल के श्यामला हिल्स पुलिस थाने पहुंचा और मंत्री शाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर आवेदन सौंपा. इसके साथ ही उन्होंने मंत्री शाह को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के उस मंत्री को अभी तक बर्खास्त क्यों नहीं किया, जिसने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ बेहद शर्मनाक और पूरी तरह से अस्वीकार्य बयान दिया? केवल राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा इन टिप्पणियों की निंदा कर देना पर्याप्त नहीं है."

मंत्री शाह ने क्या कहा था?

इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री शाह ने कहा था, "जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, उन्हीं लोगों को हमने उन्हीं की बहन भेजकर..."

हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद मंत्री विजय शाह ने मांफी माग ली है. एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, "मेरा बैकग्राउंड मिलिट्री वाला है. उन बहनों के दुख से मैं बहुत विचलित था. उन बहनों के दर्द को मैंने अपना समझा. मेरे विचलित दिल-दिमाग से अगर कोई शब्द निकला और किसी को तकलीफ हुई हो तो मैं माफी मांगता हूं."

"जाति, समाज से ऊपर उठकर हमारी सोफिया बहन ने काम किया है. उनके अपमान के बारे में हम सोच भी नहीं सकते. सोफिया बहन हमारी सगी बहन से ज्यादा सम्मानित हैं. हम उनको सैल्यूट करते हैं. मेरी न तो ऐसी कोई सोच थी और न ही कोई दुर्भावना थी. इसके बावजूद अगर किसी को मेरी बातों से ठेस पहुंची है, खास करके किसी समाज को या सोफिया बहन को तो मैं माफी मांगता हूं."

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद 6-7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था. इस ऑपरेशन की जानकारी देने वाली टीम में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ दो महिला सैन्य अधिकारी शामिल थी. इनमें से एक थीं कर्नल सोफिया कुरैशी और दूसरी विंग कमांडर व्योमिका सिंह.

गुजरात में जन्मीं कर्नल कुरैशी सिग्नल कोर की अधिकारी हैं. उनके पास बायो केमेस्ट्री में मास्टर्स की डिग्री है. वो PhD छोड़ आर्मी में भर्ती हुई थीं. कर्नल कुरैशी सैनिक परिवार से हैं, उनके पिता, दादा और परदादा सेना में रह चुके हैं.

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