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वो नवजात बच्चों को चुरा लेते थे.
वो अस्पताल में बच्चे का सौदा करते थे.
रेलवे स्टेशन या बस अड्डे पर किसी बच्चे को लावारिस घूमते देखते तो भी उठा लेते थे.
ऐसा करने वाले गिरोह का मास्टर माइंड एक डॉक्टर दंपति था.
23-24 अगस्त को मथुरा रेलवे स्टेशन (Mathura Railway Station) पर एक महिला का 7 महीने का बच्चा चोरी (Child Theft) हो गया. जब रेलवे पुलिस ने तहकीकात की तो ये हैरान करने वाले खुलासे हुए.
बच्चा खरीदने वाली एक बीजेपी पार्षद और उसका पति भी गिरफ्तार हुआ है. बीजेपी पार्षद को बेटे की चाह थी. और ये गिरोह ऐसे ही लोगों को बच्चा बेचता था जिन्हें बेटा चाहिए होता था.
इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक डॉक्टर दंपति का नाम मास्टरमाइंड के रूप में उभर कर आ रहा है. दंपति इस समय हाथरस में कार्यरत हैं. दंपति सरकारी अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर तैनात हैं और साथ ही साथ अपना प्राइवेट अस्पताल भी संचालित करते हैं. गिरफ्तार किए गए सरगना डॉक्टर प्रेमबिहारी शहर के सिकन्दराराऊ रोड स्थित गोकुलधाम कॉलोनी निवासी हैं जो शहर के नवल नगर में बांकेबिहारी अस्पताल चलते हैं.
डीफार्मा के बाद बीडीएस करने वाले प्रेमबिहारी स्वास्थ्य विभाग के नगला स्वास्थ्य केन्द्र पर संविदा फार्मासिस्ट के पद भी तैनात हैं. इनकी पत्नी दयावती बीएएमएस हैं और बांकेबिहारी अस्पताल के संचालन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर चिकित्सक के पद पर तैनात हैं.
इस गिरोह में सरकारी स्वास्थ्य महकमे में एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife) के पद पर तैनात दो महिलाओं और दवाइयों के कारोबार से जुड़े एक व्यक्ति का भी नाम सामने आया है जो डॉक्टर दंपति के साथ मिलकर इस गिरोह के संचालन में मदद करते थे. जांच कर रहे अधिकारियों की मानें तो इस गिरोह में सब का काम बटा हुआ था.
बच्चों की चोरी करने से लेकर लड़के की चाह रखने वाले दंपतियों की पहचान कर मुंह मांगी कीमत पर सौदा तय करने तक- इस गिरोह में सबकी अलग-अलग जिम्मेदारियां थी.
अधिकारियों की मानें तो लड़के की चाह रखने वाले दंपति पहले ANM के संपर्क में आते थे जिसके बाद बच्चे की खरीद को लेकर पैसे के लेनदेन का सारा सौदा डॉक्टर दंपति के अस्पताल में होता था.
क्विंट हिंदी से बातचीत के दौरान आरपीएफ आगरा पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुस्ताक ने बताया यह गिरोह कई सालों से एक्टिव था और इनका जाल उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैला हुआ था. इस पूरे मामले की गहनता से जांच के लिए SIT का भी गठन कर दिया गया है और आगे आने वाले समय में इस गिरोह से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.
जांच कर रहे अधिकारियों की मानें तो गिरोह न सिर्फ नवजात बच्चों की चोरी करता था बल्कि बस, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक जगहों पर लावारिस घूम रहे बच्चों को भी उठा कर लड़के की चाह रखने वाले दंपतियों को बेच देता था. शुरुआती जांच में इन्होंने 7 से 8 बच्चों की खरीद-फरोख्त की बात स्वीकार की है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि यह संख्या इससे कहीं ज्यादा होगी, जिसका अंदाजा जांच के बाद ही लग पाएगा.
बच्चे को खरीदने के मामले में नगर निगम की वार्ड 51 की भारतीय जनता पार्टी की पार्षद विनीता अग्रवाल को गोविंद नारायण शुक्ल प्रदेश महामंत्री मुख्यालय प्रभारी भारतीय जनता पार्टी ने निष्कासित कर दिया.
फिरोजाबाद के महानाग अध्यक्ष राकेश शंखवार ने बताया कि लखनऊ से प्रदेश अध्यक्ष के आदेश अनुसार गोविंद नारायण शुल्क प्रदेश महामंत्री द्वारा पार्षद विनीत अग्रवाल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. और जब प्रदेश स्तर पर कार्रवाई हुई है तो जिले स्तर पर कार्यवाही करने का कोई बात है ही नहीं.