Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Hindi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"2014 में लॉजिक्स ब्लॉसम ग्रीन्स में घर खरीदा था लेकिन आज तक पजेशन नहीं मिला"

"2014 में लॉजिक्स ब्लॉसम ग्रीन्स में घर खरीदा था लेकिन आज तक पजेशन नहीं मिला"

Logix Blossom Greens Society: 'बिल्डर हम से करोड़ों रुपये लूट रहे हैं तो हम न्याय पाने के लिए किस अदालत में जाएं?'

सुजॉय मित्रा
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>सुजॉय मित्रा की तस्वीर</p></div>
i

सुजॉय मित्रा की तस्वीर

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

Blossom Green Project: पिछले कुछ दिनों से ब्लॉसम ग्रीन प्रोजक्ट के फर्जीवाड़े की खबर चर्चा में है, मीडिया रिपोर्टस बताती है कि लॉजिक्स समुह में बहुजन समाज पार्टी कीं मुखिया मायावती के भाई और उनकी पत्नी भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं.

अगर मीडिया रिपोर्ट की माने तो अबतक नोएडा के ब्लॉसम ग्रीन अपार्टमेंट में आनंद कुमार और विचित्र लता को छुट पर 216 फ्लैट आवंटित किए गए थे, साथ ही कंपनी ने पैसों की हेराफेरी भी की और इसे फर्जी संस्थाओं के खाते में जमा करवाए थे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मैं इन खुलासों से आश्चर्यचकित नहीं हूं क्योंकि मैं पहले से ही उसी प्रोजेक्ट के मामले में लगभग 10 वर्षों से उनके हाथों पीड़ित हूं.

मैंने 2014 में डब्ल्यू टॉवर में तीसरी मंजिल पर एक फ्लैट बुक किया था, इस उम्मीद से कि मैं अपने परिवार को यहां ब्लॉसम ग्रीन्स में बसा सकूंगा. 2023 आ गया है लेकिन मुझे अभी अभी तक पजेशन नहीं मिला है.

इस अधूरे ढांचे के चारों ओर लंबी-लंबी जंगली घास और पेड़ उग आए हैं. जेनसेट, कंक्रीट मिक्सर और भवन निर्माण में उपयोग किए जाने वाले अन्य उपकरण दशकों तक खुले में रखे जाने के कारण खराब हो गए हैं.

प्रोजेक्ट निर्माण में उपयोग होने वाली खराब हो चुकी मशीनें.

फोटो - क्विंट हिंदी 

मैंने फ्लैट खरीदने के लिए लोन लिया था और आज तक मैं प्रति माह लगभग 20,000 रुपये की ईएमआई का भुगतान कर रहा हूं. जबकि यह प्रोजेक्ट जंगल जैसा दिखता है.

यह सिर्फ वित्तीय मसला नहीं है, बल्कि पिछले 10 वर्षों में मुझे भावनात्मक और मानसिक आघात का सामना करना पड़ा है. इसने मेरे पूरे पारिवारिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसने मुझे नष्ट कर दिया है.

'रेरा का आदेश लागू नहीं हुआ'

2014 से भारी देरी के बाद, मैंने मदद के लिए 2019 में RERA (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) से संपर्क किया. रेरा कोर्ट ने बिल्डर को कब्जा देने या मुआवजा देने का आदेश दिया, और बिल्डर से पैसा वसूलने के लिए गौतम बौद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट को संबोधित एक रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया.

रेरा द्वारा गौतम बुद्धनगर के जिलाधिकारी को बिल्डर पर कार्रवाई के लिए लिखा गया पत्र

फोटो - क्विंट हिंदी 

सरकार से मेरा एक ही अनुरोध है, मेरे जैसे लोगों के लिए, जो वेतनभोगी हैं, कामकाजी पेशेवर हैं, कृपया हमारी मदद करें. हम कहां जाएं? जब बिल्डर हम जैसे घर खरीदारों से करोड़ों रुपये लूट रहे हैं तो हम न्याय पाने के लिए किस अदालत में जाएं?

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT