क्या बच्चों के लिए कोवैक्सीन सेफ है?

VACCINE FOR KIDS| बच्चों की वैक्सीन से जुड़े सभी अहम सवालों के जवाब

फैजान अहमद
न्यूज
Updated:
<div class="paragraphs"><p>छोटे बच्चों को लगेगी कोवैक्सीन</p></div>
i

छोटे बच्चों को लगेगी कोवैक्सीन

null

advertisement

भारत में आखिरकार अब दो से 18 साल तक के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन (Vaccine) लगाने की अनुमति मिलने जा रही है. सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने 2-18 साल के बच्चों को Covaxin देने के लिए अपनी हरी झंडी दे दी है.

कमेटी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से इसकी सिफारिश की है. लेकिन क्या ये वैक्सीन बच्चों के लिए सेफ है? क्या पर्याप्त ट्रायल हुए हैं. बच्चों की वैक्सीन से जुड़े पांच सबसे बड़े सवालों के जवाब हम आपको देते हैं.

कोवैक्सीन को कैसे मिली अनुमति

इससे पहले भारत बायोटेक ने CDSCO यानी Central Drugs Standard Control Organisation को 2-18 वर्ष के आयु वर्ग में क्लीनिकल ट्रायल का डेटा जमा किया था। सीडीएससीओ और SEC द्वारा डेटा की गहन समीक्षा की गई और इसके बाद वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश की गयी.

क्या 2 साल के बच्चों के लिए कोई और वैक्सीन अप्रूव हुई है?

नहीं. ये पूरी दुनिया में पहली वैक्सीन होगी. फाइजर ने 5-11 साल के बच्चों के लिए अपनी वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए USFDA को अर्जी दी है लेकिन अभी ये मंजूरी नहीं मिली है. इजरालय में विशेष केस में 5-11 साल से ऊपर के बच्चों को टीका दिया जा रहा है. UK, चिली, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, नॉर्वे, US, स्वीडन और चीन जैसे देशों में अलग अलग नियमों के अंतर्गत 12 साल से ऊपर के बच्चों का कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बच्चों में यह वैक्सीन कितनी प्रभावशाली होगी?

अबतक हुए क्लीनिकल ट्रायल के अनुसार कोवैक्सीन उम्र में बड़े लोगो के लिए तो कोरोना वायरस से लड़ने में 77.8 % तक प्रभावशाली रहती है, लेकिन बच्चों पर इसका प्रभाव कितना रहेगा, इसका डेटा अभी सामने नहीं आया है. भारत बायोटेक द्वारा देशभर के चुनिंदा एम्स में बच्चों पर इसका कितना प्रभाव होगा, यह जानने के लिए क्लीनिकल ट्रायल जारी है.

इस्तेमाल के लिए क्या होंगी गाइडलाइन्स ?

शर्तों के अनुसार भारत बायोटेक को अप्रूव्ड क्लीनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल के अनुसार स्टडी जारी रखना होगी. प्रेसक्राइब्ड इन्फॉर्मेशन (Prescribed Information) /पैकेज इंसर्ट (PI) इसके साथ ही प्रोडक्ट की summary (SMPC ) और फैक्टशीट देनी होगी. इसके अलावा, फर्म को वैक्सीन सुरक्षा डेटा के साथ एईएफआई (AEFI ) और एईएसआई (AESI ) का डेटा पहले दो महीनों के लिए हर 15 दिन और उसके बाद मासिक रूप से न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल रूल्स 2019 के अनुसार देना होगा.

क्या इस वैक्सीन को बच्चों के लिए WHO से मंजूरी मिली है?

आपको बता दें कि WHO ने अबतक भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है. हालांकि भारत सरकार की ओर से वैक्सीन को मान्यता दिलाने के प्रयास लगातार जारी हैं. भारत के स्वास्थ्य मंत्री की ओर से दावा किया गया है कि इस महीने के अंत तक WHO द्वारा कोवाक्सिन को मान्यता प्रदान कर दी जाएगी. हालांकि भारत ने ये मंजूरी 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए मांगी है यानी अगर अप्रूवल मिलता भी है तो ये बच्चों के लिए नहीं होगा.

Published: 13 Oct 2021,04:08 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT