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अलीगढ़: 4 मुसलमानों को पीटा-जांच में नहीं मिला गोमांस, गौरक्षा की आड़ में वसूली?

इस मामले में दर्ज एक FIR में चौथ (रंगदारी) वसूली के रूप में 50 हजार रुपये मांगने का भी आरोप लगाया गया है.

मोहन कुमार
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>इस मामले में दो FIR दर्ज हुई है. पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. </p></div>
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इस मामले में दो FIR दर्ज हुई है. पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

(फोटो: कामरान अख्तर/ क्विंट हिंदी)

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अलीगढ़ में 24 मई को गोमांस ट्रांसपोर्ट करने के शक में कथित हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने चार मुस्लिम युवकों को बुरी तरह से पीटा. घायल हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पुलिस ने मौके से मिले मीट सैंपल को FSL लैब भेजा था. रिपोर्ट को लेकर द क्विंट से अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमृत जैन ने बताया, "रिपोर्ट कल (सोमवार) देर रात आई थी. जिसमें लिखा है कि वह गाय का मीट नहीं था." इस मामले में 2 FIR दर्ज हुई है. कथित हिंदूवादी संगठन से जुड़े आरोपियों पर पैसे की उगाही का भी आरोप लगा है.

13 नामजद सहित 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR

इस मामले में हरदुआगंज थाने में दो FIR दर्ज है. पहली FIR घायलों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम- 1955 की धारा 3,5 और 8 के तहत दर्ज हुई, जिसमें एक गाड़ी में 7 कटी हुई गाय मिलने का जिक्र था.

दूसरी FIR मारपीट में घायल अकील के पिता सलीम खान ने 13 नामजद सहित 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज करवाई. इस FIR में मारपीट के साथ-साथ आरोपियों पर वसूली के रूप में 50 हजार रूपये मांगने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने अब तक चार आरोपियों- विजय कुमार गुप्ता, विजय बजरंगी, लवकुश सहित एक अन्य को गिरफ्तार किया है.

अलीगढ़ में 24 मई को गोमांस ट्रांसपोर्ट करने के शक में चार मुस्लिम युवकों से मारपीट हुई थी.

(फोटो: वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट)

"उन लोगों ने पैसे मांगे और मना करने पर मारपीट की"

अलीगढ़ के अतरौली के रहने वाले 75 वर्षीय सलीम खान ने FIR में कहा है, ''मेरा बेटा अकील, भतीजा अरबाज और उसके दो साथी 24 मई की सुबह साढ़े 8 बजे अल अम्बर मीट फैक्ट्री से मीट लेकर अतरौली आ रहे थे. जब गाड़ी (UP81FT 0173) पनैठी से साधु आश्रम वाली सड़क पर पहुंची, तभी रामकुमार आर्य और अर्जुन सहित 20–25 अज्ञात लोगों ने गाड़ी रोककर 50 हजार रुपये की चौथ (रंगदारी) मांगी. पैसे देने से मना करने पर लाठी, डंडों और धारदार हथियारों से मारपीट की गई." इसके साथ ही पैसे और मोबाइल लूटने का भी आरोप लगाया गया है.

क्विंट हिंदी से बातचीत में वे कहते हैं, "उस दिन (24 मई) मेरा बेटा और भतीजा अपने दोस्तों के साथ फैक्ट्री से गोश्त ला रहे थे. पनैठी रोड पर बजरंग दल वालों ने चार-पांच मोटरसाइकिल आगे लगा दी और इन्हें रोक लिया. उन लोगों ने इनसे पैसे मांगे और जब इन लोगों ने पैसे नहीं दिए तो मारना-पीटना शुरू कर दिया."

FIR की कॉपी

(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)

पुलिस ने वसूली से जुड़ी धाराए भी लगाईं

क्विंट हिंदी से बातचीत में अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमृत जैन ने कहा, "चौथ वसूली की बात पीड़ितों ने भी बताई है. ये बात तहरीर में भी है. इसी के आधार पर बीएनएस के तहत extortion से जुड़ी धाराएं लगाई गई हैं. इसी लाइन पर जांच और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, सीसीटीवी फुटेज, CDR या अन्य ट्रांजैक्शन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी."

FIR में कहा गया है कि आरोपियों ने "15 दिन पहले भी चौथ वसूली के उद्देश्य से अलीगढ़ अल-अम्बर मीट फैक्ट्री से अतरौली मीट ले जा रही गाड़ी को रोका था. तब भी चौथ वसूली के रूप में 50 हजार रुपये की मांग की गई थी. हालांकि, इस दौरान पुलिस ने गाड़ी को छुड़वा लिया था."

इसपर एसपी (ग्रामीण) ने कहा,

"सूचना मिलने के बाद हमने एक टीम भेजी थी, जिसने गाड़ी को पकड़ा था. जिन्होंने सूचना दी थी, उन्हें भी थाने पर बुलाया था. यही गाड़ी थी और यही लोग थे. इनके पास मीट से संबंधित उचित रसीद थी. उन कागजातों की जांच के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था, क्योंकि सारी चीजें सही थी. "

पुलिस के मुताबिक, घायलों की हालत अभी स्थिर है.

(फोटो: स्क्रीनशॉट)

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गोमांस ट्रांसपोर्ट करने का आरोप, जांच में गलत साबित

24 मई को हरदुआगंज थाने में विजय बजरंगी एक FIR दर्ज करवाई गई है. गोवध निवारण अधिनियम के तहत दर्ज FIR में कहा गया है, "मैक्स गाड़ी (UP81FT 0173) के अंदर देखा गया तो उसमें 7 गाय कटी हुई थी. मौके पर मौजूद हिंदू लोग धरने पर बैठ गए. पूछताछ में गौतस्करों ने कबूल किया कि तीन लाख रुपये देकर पुलिस से मिलीभगत कर वे यह काम करते हैं."

हालांकि, घायल युवक और उनके परिवारवालों ने शुरू से ही इन आरोपों को खारिज किया है. उनका दावा किया है कि भीड़ को जरूरी कागजात भी दिखाए गए थे, इसके बावजूद मारपीट की गई.

घायल अकील कहते हैं, "हमारे पास सभी बिल थे. हमारी अतरौली में मीट की दुकान है, वहां बेचते हैं. सरकार ने कंपनी से मीट कटवाने का ऑर्डर दिया है. मैं वहीं से मीट लेकर आ रहा था. पनैठी की ओर मैं जैसे ही मुड़ा, चार लड़के मेरे पीछे पड़ गए. उन्होंने हमें रुकवाया, मैंने गाड़ी रोक दी. उन लोगों ने गाय का मीट बोलकर सबको बुला लिया. मैंने कहा कि गाय नहीं, भैंस का मीट है. लेकिन उन लोगों ने मेरी बात नहीं सुनी और बहुत बुरी तरीके से हमें मारा."

पीड़ित परिवार से स्थानीय नेताओं ने की मुलाकात.

(फोटो: स्क्रीनशॉट)

अकील के पिता सलीम खान ने भी गोमांस के आरोपों को झूठा करार दिया. वे कहते हैं, "फैक्ट्री से भैंस का गोश्त लेकर आ रहे थे. लाइसेंस होता है, तब मिलता है. बिना लाइसेंस के मिलेगा भी नहीं. हम एक जमाने से दुकान कर रहे हैं. काफी टाइम हो गया दुकान चलाते हुए. हमारी अपनी दुकान है. हमारे बाप-दादा भी यही काम करते थे."

"इनके पास रशीद थी. उन लोगों ने फाड़कर फेंक दिया. एक- डेढ़ लाख रुपये नकद और मोबाइल भी छीन लिया. 4-5 लाख का गोश्त भी फेंक दिया. हमारी गाड़ी भी जला दी. इन लोगों ने छोड़ा ही क्या. वो तो आदमी बच गए. नसीब समझ लो हमारा. यही कमाने वाला बच्चा है. अगर ये नहीं रहता तो हम तो बेकार हो जाते."
सलीम खान

एसपी (ग्रामीण) अमृत जैन बताया कि मामले से जुड़े कागजात तुरंत निकलवाये गए थे. पुलिस ने मीट फैक्ट्री से भी तमाम बिल और कागजात मांगे हैं. इसके अलावा फैक्ट्री की सीसीटीवी फुटेज भी मंगाई गई है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उन्हें जांच में शामिल किया जाएगा.

गोमांस के आरोपों पर उन्होंने कहा, "गाय के मीट के आरोपों की पुष्टि के लिए डॉक्टर्स को तुरंत मौके पर बुलाया गया था और सैंपलिंग करवाई गई थी." अब FSL रिपोर्ट में सामने आया है कि गाड़ी में प्रतिबंधित मीट नहीं था.

घायलों के खिलाफ दर्ज FIR में पुलिस की मिलीभगत और पीआरवी (पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल) से स्कॉट करने का आरोप लगाया गया है. इसपर एसपी (ग्रामीण) ने कहा, "पीआरवी पनैठी और साधु आश्रम के बीच चलती है. 112 के रूट्स पहले से तय होते हैं. ये पीआरवी किसी दूसरे मामले के लिए जा रही थी. वापसी के दौरान इस पीआरवी ने हमें मामले की सूचना दी, जिसके बाद मैं भी मौके पर पहुंचा था."

क्या आरोपी किसी संगठन से जुड़े हैं?

आरोपियों के हिंदूवादी संगठनों से जुड़े होने की बात कही जा रही है. शिकायतकर्ता सलीम खान का आरोप है कि मारपीट करने वाले लोग बजरंग दल से जुड़े हैं.

एसपी (ग्रामीण) ने कहा, "हमने काफी संगठनों के पदाधिकारियों से पूछताछ की है. किसी भी संगठन ने आधिकारिक तौर पर इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है."

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि "नामजद लोगों में से एक-दो लोग खुद को विश्व हिंदू परिषद का बताकर बाइट दे रहे थे. इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद से भी पूछताछ की गई है. वीएचपी ने साफ मना कर दिया है कि कोई भी उनके यहां का एक्टिव मेंबर नहीं है."

"जो तीन लोग जेल भेजे गए हैं, उन्होंने ने भी आधिकारिक तौर पर किसी संगठन से जुड़े होने से इनकार किया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई अराजक तत्व है जो खुद का गैंग बनाकर इस तरह का काम कर रहा है."

घायल अकील के पिता सलीम खान की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(2), 191(3), 190, 109, 308(5), 310(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है.

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