Winter Stroke: स्ट्रोक का खतरा किसे अधिक होता है और क्यों?

विंटर स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी होती है, जिसमें ब्रेन डैमेज हो जाता है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
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<div class="paragraphs"><p><strong>Risk Of Strokes In Winter:&nbsp;</strong>ठंड में ब्रेन स्ट्रोक क्यों होता है?</p></div>
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Risk Of Strokes In Winter: ठंड में ब्रेन स्ट्रोक क्यों होता है?

(फोटो:iStoke)

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Risk Of Strokes In Winter: स्ट्रोक (Stroke) के मामले सर्दियों में अक्सर बढ़ जाते हैं. हड्डी कंपकंपाने वाली ठंड के कारण शरीर का खून गाढ़ा होकर जमने लगता है, जिसकी वजह से ब्लड वेसल्स में क्लॉट्स यानी खून के थक्के बनने लगते हैं. ऐसे में दिमाग को सही मात्रा में खून नहीं मिल पाता जिस कारण ब्रेन टिशूज में ऑक्सीजन और खून की कमी होने लगती है और व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार बन जाता है.

ठंड में ब्रेन स्ट्रोक क्यों होता है? स्ट्रोक का खतरा किसे अधिक होता है और क्यों? इन सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट से.

ठंड में ब्रेन स्ट्रोक क्यों होता है?

ठंड में जब टेम्परेचर 13 डिग्री से नीचे चला जाता है, तो ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर के मामले काफी बढ़ जाते हैं. हाई बीपी होने के कारण कई बार नस की धमनियां फट जाती हैं और उनमें क्लॉट भी बन जाते हैं. ठंड में ब्लड गाढ़ा हो जाता है, जिससे क्लॉटिंग की आशंका बढ़ जाती है.

"विंटर स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी होती है, जिसमें ब्रेन डैमेज हो जाता है."
डॉ. सुचेता मुदगेरीकर, सीनियर कंसल्टेंट- न्यूरोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल, अहमदाबाद

डॉ. सुचेता मुदगेरीकर ने फिट हिंदी को बताया कि सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा सबसे ज्यादा होने के दो कारण हैं.

  1. बहुत अधिक ठंड के कारण खून गाढ़ा होकर जमने लगता है और इस वजह से ब्लड वेसल्स यानी खून की नसों में क्लॉट्स यानी थक्के बनने लगते हैं. इससे खून की नसें बंद हो जाती हैं. इसके चलते दिमाग में पहुंचने वाला ब्लड फ्लो बंद हो जाता है.

  2. ठंड के दिनों में नसें जिसमें ब्लड फ्लो होता है सिकुड़ने लगती हैं और दिमाग में पहुंचने वाले ब्लड का फ्लो कम हो जाता है. कई मामलों ये नसें बंद हो जाती हैं और दिमाग को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है. ऑक्सीजन और खून के फ्लो में रुकावट आने से खून का थक्का बनता जाता है.

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स्ट्रोक का खतरा किसे अधिक होता है और क्यों?

एक्सपर्ट के मुताबिक, स्ट्रोक (stroke) का खतरा इन लोगों में अधिक होता है:

  • ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों को स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है. इसके अलावा, हाई कोलेस्ट्रॉल और ओबेसिटी से ग्रसित लोग भी इसका शिकार हो सकते हैं.

  • ऐसे लोग जो बीड़ी-सिगरेट या तंबाकू-गुटखा का सेवन अधिक करते हैं, उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा औरों के मुकाबले ज्यादा होता है.

  • बढ़ती उम्र में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के कारण दिमाग तक खून पहुंचाने वाली नसें बंद होना शुरू हो जाती हैं, ऐसे हालातों में भी स्ट्रोक होने की आशंका अधिक होती है.

  • अधिक शराब पीना या कोकेन जैसे ड्रग्स का सेवन भी स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है.

  • खराब लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज की कमी और देर रात तक जगना भी स्ट्रोक को आमंत्रित करता है.

एक्सपर्ट ने आजकल की भागदौड़ और स्ट्रेस से भरी लाइफ को भी स्ट्रोक की आशंका बढ़ाने का जिम्मेदार बताया है.

खराब लाइफस्टाइल भी स्ट्रोक का कारण हो सकता है, सीएसडी (CDC) के अनुसार, एक्सरसाइज नहीं करना, ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाना, प्रोसेस्ड मीट और पैकेज्ड फूड खाना, फ्रूट और वेजिटेबल का सेवन कम करना, स्ट्रोक का रिस्क बढ़ाता है.

इसके अलावा अगर आपकी कोई हार्ट कंडीशन है और उसका इलाज सही से नहीं हुआ तो उस कंडीशन से ब्लड क्लॉट ब्रेन तक पहुंच सकता है.

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