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फेसबुक और व्हाट्सएप पर वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें अंडे को आर्टिफिशियल तरीके से बनाना दिखाया गया है. साथ ही वीडियो में ये दावा किया गया है कि बाजार में ऐसे ही बने हुए नकली अंडे मौजूद हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं.
वीडियो की तफ्तीश के दौरान हमने पाया कि नकली अंडों का दावा करने वाला ये वीडियो ही फेक है. वीडियो में जिसे नकली और प्लास्टिक का अंडा बताया जा रहा है. दरअसल वह अंडा नहीं बल्कि खिलौना बनाया जा रहा है. अंडा प्लास्टिक का तो है लेकिन वो किसी के खाने के लिए नहीं बल्कि खेलने और प्रैंक के लिए इस्तेमाल करने के लिए है. उस अंडे को अमेजन के टॉय सेक्शन में देखा भी जा सकता है.
नकली अंडों का दावा करने वाले इस वीडियो को इससे पहले कई न्यूज वेबसाइट ने ब्रेक किया था लेकिन आजकल ये वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से वायरल होने लगा है और लोग बहुत तेजी से एक-दूसरे के साथ शेयर भी कर रहे हैं.
प्लास्टिक के बने अंडे की खबरें पिछले 2 से 3 साल से सुनने में आ रही हैं, लेकिन साल 2018 के अगस्त में FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल ने एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में इस खबर को बेबुनियाद और फेक न्यूज करार दिया था.
मैक्स हेल्थकेयर के सीनियर गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ अश्विनी सेतिया कहते हैं कि कभी-कभी गर्मी की वजह से या पुराने हो जाने की वजह से अंडे के पीले हिस्से में बदलाव हो सकता है.
FSSAI ने एक एडवाइजरी भी जारी कर अंडे के रंग रूप में बदलाव और प्लास्टिक की तरह दिखने की वजह टेम्परेचर और अंडे का पुराना हो जाना बताया और कुछ टिप्स फॉलो करके फ्रेश और पुराने अंडे के बीच फर्क पहचानना भी बताया है.
डॉ सेतिया के मुताबिक
बाजार में खाने-पीने की चीजों में गड़बड़ी होने की खबरें आती रहती हैं, लेकिन ये बात अंडों के बारे में कितनी सही है ये कहना मुश्किल है.
अंडे की कीमत इतनी कम होती है कि नकली अंडों को बाजार में लाना महंगा होगा. इससे किसी भी तरह का फाइनेंशियल फायदा भी नहीं उठाया जा सकता है.
बाजार में नकली सामान की मौजूदगी की खबरें बीच-बीच में आती रहती हैं. लेकिन उन पर यकीन करने और उसे दूसरों तक पहुंचाने से पहले जरूरी है कि पूरी तफ्तीश की जाए.
Published: 13 Sep 2019,11:24 AM IST