Members Only
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Hindi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ज्यादातर भारतीयों पर बेअसर होने लगी हैं एंटीबायोटिक दवाइयां: स्टडी

ज्यादातर भारतीयों पर बेअसर होने लगी हैं एंटीबायोटिक दवाइयां: स्टडी

ज्यादातर भारतीयों के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट ऑर्गनिज्म मौजूद हैं.

फिट
फिट
Updated:
ज्यादातर भारतीयों के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट ऑर्गनिज्म मौजूद हैं
i
ज्यादातर भारतीयों के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट ऑर्गनिज्म मौजूद हैं
(फोटो: iStock)

advertisement

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी के मुताबिक ज्यादातर भारतीयों के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट ऑर्गनिज्म मौजूद हैं, जिनके कारण एंटीबायोटिक दवाइयां बेअसर होने लगती हैं.

इस स्टडी में 207 लोगों के स्टूल सैंपल का एनालिसिस किया गया था, जिन्होंने कम से कम एक महीने पहले तक कोई एंटीबायोटिक नहीं ली थी और न ही किसी लंबी बीमारी से पीड़ित हुए थे.

इसमें पाया गया कि 207 में से 139 लोगों के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में ऐसे ऑर्गनिज्म थे, जो एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक एंटीबायोटिक्स ऐसे मेडिसिन हैं, जिनका इस्तेमाल बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव और इलाज के लिए किया जाता है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध या रेसिस्टेंस तब होता है, जब बैक्टीरिया इन दवाओं के रेस्पॉन्स में अपना स्वरूप बदल लेते हैं.

इसके मुताबिक हर 3 में से 2 हेल्दी भारतीयों पर एंटीबायोटिक दवाइयां बेअसर हैं. सबसे ज्यादा रेजिस्टेंस आमतौर इस्तेमाल की जाने वाली दो एंटीबायोटिक्स cephalosphorins (60%) और fluoroquinolones (41.5%) के लिए पाया गया.

पीजीआई चंडीगढ़ में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर और इस स्टडी को लीड करने वाले डॉ पल्लब रे ने TOI को बताया कि ये नतीजे चौंकाने वाले हैं और इसे चेतावनी के तौर पर लिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'हमारी स्टडी स्पष्ट करती है एंटीबायोटिक के अनुचित इस्तेमाल से हेल्दी लोगों में भी ऐसे ऑर्गनिज्म मौजूद हैं, जिन पर एंटीबायोटिक दवाइयों का असर नहीं होता.'

अभी ये ऑर्गनिज्म लो-एंड एंटीबायोटिक्स के प्रति रेजिस्टेंट हैं, लेकिन अगर एंटीबायोटिक दवाइयों का गलत इस्तेमाल जारी रहा, तो ये हाई-एंड एंटीबायोटिक्स के लिए भी रेजिस्टेंट हो सकते हैं.
डॉ पल्लब रे
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट की समस्या भारत में लगातार बढ़ रही है, जिसके कारण खासकर टीबी, चाइल्डहुड सेप्सिस और मलेरिया जैसी बीमारियों का इलाज मुश्किल हो रहा है. ऐसा अनुमान लगाया गया है कि लो और मिडिल इनकम देशों में हर साल कम से कम 7 लाख मौतें होती हैं.

Become a Member to unlock
  • Access to all paywalled content on site
  • Ad-free experience across The Quint
  • Early previews of our Special Projects
Continue

Published: 05 Jun 2019,03:55 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT