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Parkinson's Awareness week|पार्किंसन रोग क्या है? जानें लक्षण और इलाज

पार्किंसन रोग व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Parkinson's Awareness week में जानें इसके लक्षण और इलाज के बारे में&nbsp;</p></div>
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Parkinson's Awareness week में जानें इसके लक्षण और इलाज के बारे में 

(फोटो:iStock)

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हर साल 11 अप्रैल को World Parkinson's Day मनाया जाता है और उस सप्ताह को पार्किंसन अवेर्नेस वीक के रूप में भी मनाया जाता है. पार्किंसन रोग से व्यक्ति के शरीर की पूरी गतिविधि प्रभावित होती है. इस रोग में मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य, दोनों में समस्याएं देखने को मिलती है.

इस विषय पर जानकारी देने के लिए फिट हिंदी ने गुड़गांव, मेदांता के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज में न्यूरोलॉजी के डायरेक्टर, डॉ. विनय गोयल से बातचीत की.

पार्किंसन रोग क्या है?

पार्किंसन एक मस्तिष्क का विकार है, जो शारीरिक गतिविधि को प्रभावित करता है. इस बीमारी में नसों की कोशिकाएं (जो संतुलन बनाने, काम करने और परस्पर तालमेल बिठाने के लिए दिमाग को सिग्नल प्रसारित करती हैं) मृत होने लगती हैं, जिससे शरीर की गतिविधि, पेशियों का नियंत्रण और कंपन प्रभावित होता है.

पार्किंसन रोग के लक्षण व संकेत क्या हैं?

पार्किंसन रोग के आम लक्षण ये हैं:

  • अंगों का कांपना और हिलना

  • पेशियों में अकड़न

  • संतुलन खोना

  • चलने और बैठने की अवस्था में परिवर्तन

  • लिखने या बोलने में परिवर्तन

  • शरीर की स्वचालित गतिविधियों का न हो पाना

  • कब्ज

  • गंध न महसूस होना

  • नींद आने में परेशानी

  • चक्कर

  • बेहोशी

मरीजों को कंपकंपी क्यों छूटती है?

पार्किंसन के मरीजों के शरीर में डोपामाइन नामक रसायन की कमी के कारण उन्हें कंपकंपी छूटती है. डोपामाइन की कमी तब होती है, जब मस्तिष्क में डोपामाइन का उत्पादन करने वाली कुछ कोशिकाएं मृत हो जाती हैं, जिसके कारण गतिविधि और स्मरण शक्ति कम हो जाती है.

डोपामाइन व्यक्ति को प्रभावशाली तरीके से अपने काम पूरे करने में मदद करता है, जबकि डोपामाइन की कमी से शरीर और मनोविज्ञान पर बुरा असर पड़ता है.

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कंपकंपी आने के अलग-अलग तरीके क्या हैं?

कंपकंपी आने के आम प्रकारों में कंपन, एक लय में आने वाली कंपकंपी और विषम लय (odd rhythm) में आने वाली कंपकंपी शामिल है.

विश्राम की कंपकंपी तब होती है, जब आपकी पेशियां और शरीर के अंग पूरी तरह से विश्राम में हों और जब आप गतिविधि करने लगते हैं, तो यह कंपकंपी बंद हो जाती है. विश्राम के वक्त आम तौर से मंद एवं बड़े आयाम की कंपकंपी होती है, यानि आराम की अवस्था में हाथों की उंगलियों में झनझनाहट.

सक्रिय अवस्था में कंपकंपी पेशियों के स्वाभाविक खिंचाव के कारण होती है, जो हल्के आघात से और तेज हो सकती है.

इसका नियंत्रण कैसे होता है?

तनाव के नियंत्रण, ध्यान लगाने एवं योग से पार्किंसन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. चिंता, थकान और बीमारी पार्किंसन की कंपकंपी और ज्यादा बढ़ा देते हैं.

कैफीन, चॉकलेट और रिक्रिएशनल दवाईयों से लक्षण बढ़ जाते हैं.

बीमारी की तीव्रता के आधार पर डॉक्टर कंपकंपी रोकने के लिए मरीज को कुछ खाने वाली दवाईयां और इंजेक्शन दे सकते हैं.

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

आपको समय के साथ पार्किंसन की बीमारी से जुड़ा कोई भी लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें. ये हैं कुछ लक्षण:

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