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'दिल टूटना यानी ब्रोकन हार्ट', हम अक्सर इन शब्दों का इस्तेमाल तब करते हैं, जब हम दुःखी होते हैं, परेशान रहते हैं. जब हालात हमारे फेवर में नहीं होते, तो हमारा दिल टूट जाता है. लेकिन क्या आपने कभी ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के बारे में सुना है?
इसका कारण भावनात्मक तनाव यानी इमोश्नल स्ट्रेस है. जैसे किसी प्रियजन की मौत हो जाना, ब्रेकअप, रिजेक्शन का सामना करना. अक्सर इसे हार्ट अटैक समझ लिया जाता है.
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में आपके दिल का एक हिस्सा कुछ समय के लिए बढ़ जाता है और ठीक से पंप नहीं करता, जबकि आपके दिल का बाकी हिस्सा ठीक से काम करता है या और भी ज्यादा दबाव में काम करता है.
डॉक्टर अभी शोध कर रहे हैं कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाए. यहां हम इस शब्द का इसके पारंपरिक संदर्भ में इस्तेमाल करेंगे: जैसे ब्रेक-अप के बाद भावनात्मक रूप से टूट जाना.
आपका दिल कैसे ‘टूटता’ है, ये संबंधित मामले में जो रिश्ता टूटा है, उसकी गहराई, स्वरूप, समय, आपके व्यक्तित्व और पुराने तजुर्बे, आपके सपोर्ट सिस्टम के साथ-साथ ब्रेक-अप की वजह पर निर्भर करता है.
इसके लक्षण ‘मन अच्छा नहीं है’ से लेकर अवसाद के बीच कुछ भी हो सकते हैं.
अगर ब्रोकन हार्ट को वक्त पर ‘दुरुस्त’ नहीं किया जाता, तो हो सकता है कि प्रभावित इंसान भविष्य में एक स्वस्थ और भरोसेमंद रिश्ता न निभा पाए.
अपने लक्ष्य फिर से तय करेंः उन सभी चीजों की लिस्ट बनाइए, जिन्हें आप करना चाहते थे, और उन पर काम करना शुरू कर दीजिए, या अपने काम पर ध्यान केंद्रित कीजिए. लेकिन कुछ ना कुछ करते रहिए.
जीवन चलने का नामः जिंदगी में कितना भी अंधेरा दिखाई दे रहा हो, रोजमर्रा के काम करने से आपको अपने दर्द से उबरने में मदद मिलेगी.
मुस्कुराइए: यह सिर्फ रस्म अदायगी है, तो भी करते रहिए.
रोने का मन करे, तो रोइए: यह आपके दबाव को कम करने में मदद करेगा और आप हल्का महसूस करेंगे.
जो नेमतें आपको मिली हैं, उन्हें याद कीजिए: उस घड़ी में आपको ये मुश्किल लग सकता है, लेकिन वक्त निकालिए और उन चीजों की लिस्ट बनाइए, जिनके लिए आपको शुक्रगुजार होना चाहिए. यही बातें हैं, जो जिंदगी को मायने देती हैं.
कोई शौक या जानवर पाल लें: दोनों ही चीजें आपका ध्यान बंटाने में मदद करेंगी और कई बार बिना शर्त का प्यार इस दुष्चक्र से निकलने की आपकी प्रेरणा बन सकता है.
सबक सीखेंः इस अनुभव के जरिए खुद को ठीक से समझें, जो भविष्य में कामयाब रिश्ता बनाने और निभाने में मददगार हो सकता है.
जो मदद चाहते हैं, उन्हें हमेशा मदद मिलती है. अपने दोस्तों, परिवार, मार्गदर्शक, साथियों से मिलें. वो समझ जाएंगे कि कुछ गड़बड़ है और आपके मुश्किल समय में आपकी मदद करके वो खुश होंगे.
अंत में जरूर याद रखें कि आपकी खुशी की तलाश सिर्फ एक रिश्ते पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह आपकी जिंदगी में अच्छे लोगों की मौजूदगी में रोजाना छोटी-छोटी खुशियों में पूरी होती है.
(डॉ. केदार तिलवे फोर्टिस नेटवर्क हॉस्पिटल के हीरानंदानी हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज मनोचिकित्सा विभाग में कंसल्टेंट हैं.)
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Published: 18 Dec 2017,02:47 PM IST