Members Only
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Hindi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019फूड प्वॉइजनिंग: जानिए इससे बचने और निपटने के लिए क्या करें

फूड प्वॉइजनिंग: जानिए इससे बचने और निपटने के लिए क्या करें

दूषित खाने और पानी के कारण 200 से ज्यादा बीमारियां होती हैं.

सुरभि गुप्ता
फिट
Updated:
दूषित खाने से बीमार पड़ जाने को फूड प्वॉइजनिंग कहा जाता है.
i
दूषित खाने से बीमार पड़ जाने को फूड प्वॉइजनिंग कहा जाता है.
(फोटो: फिट/अरूप मिश्रा)

advertisement

अगर कुछ खाने के कुछ घंटों बाद आपको मिचली महसूस होती है, उल्टी होने लगती है, पेट में दर्द या ऐंठन होती है या दस्त होने लगता है, तो हो सकता है कि ये फूड प्वॉइजनिंग के कारण हो रहा हो.

दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट और प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ अश्विनी सेतिया बताते हैं कि दूषित खाना खाने से तबीयत खराब होना फूड प्वॉइजनिंग कहलाता है.

कैसे दूषित हो जाती हैं खाने की चीजें?

आमतौर पर खाने की चीजें बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट या उनके टॉक्सिन और केमिकल से दूषित होती हैं.

डॉ सेतिया बताते हैं कि फूड प्वॉइजनिंग कई तरीके से हो सकती है:

एक तो बैक्टीरिया द्वारा छोड़े गए टॉक्सिन से, जो बहुत शक्तिशाली जहर होता है. इन टॉक्सिन के शरीर में अंदर जाने से कई तरह के केमिकल रिएक्शन होते हैं, जिससे मिचली, पेट दर्द, उल्टी या डायरिया की दिक्कतें हो सकती हैं. दूसरा बैक्टीरिया खुद भी खाने को दूषित कर सकते हैं, जिससे आपकी तबीयत खराब हो जाए. तीसरी चीज होती है केमिकल प्वॉइजनिंग, जो कि फलों या सब्जियों से होती है. जैसे- आजकल फलों को केमिकल से पकाया जाता है.

हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ के.के अग्रवाल कहते हैं, ‘हम जानते हैं कि कच्चे मांस, मुर्गी और अंडे भी रोगाणुओं का कारण बन सकते हैं. इनके साथ ही अगर फल और सब्जियों को ठीक से धोकर इस्तेमाल न किया जाए, तो फूड प्वॉइजनिंग का खतरा रहता है.’

फूड प्वॉइजनिंग के लक्षण

(फोटो: फिट/अरूप मिश्रा)

फूड प्वॉइजनिंग के लक्षण खराब खाना खाने के बाद कई घंटे से लेकर कुछ दिन तक में दिखाई दे सकते हैं. जैसे- साल्मोनेला बैक्टीरिया 1-3 दिनों के बाद तक तबीयत खराब होने का कारण बन सकता है.

फूड प्वॉइजनिंग होने पर पेट में दर्द या ऐंठन, दस्त, मिचली या उल्टी, बुखार- ये सभी लक्षण एकसाथ भी दिख सकते हैं या सिर्फ कोई एक या दो लक्षण भी नजर आ सकते हैं.

उल्टी और दस्त के कारण मरीज में ये दिक्कतें भी देखी जा सकती हैं:

  1. डिहाइड्रेशन
  2. थकान
  3. सिरदर्द

फूड प्वॉइजनिंग होने पर क्या करें?

फूड प्वॉइजनिंग की गंभीरता रोगाणु, दूषित खाने की मात्रा, आपकी उम्र और सेहत पर निर्भर करती है. बच्चों, बुजुर्गों, प्रेग्नेंट महिलाओं और बीमार लोगों को फूड प्वॉइजनिंग का ज्यादा खतरा होता है.

फूड प्वॉइजनिंग के इलाज में सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि इस दौरान उल्टी या दस्त के कारण शरीर से जितने तरल की हानि (फ्लूइड लॉस) हो, उसकी पूर्ति की जाए.

पोटेशियम से भरपूर होता है नारियल पानी.(फोटो: iStock)
जैसे हर बार उल्टी या दस्त पर एक-एक गिलास तरल चीजें ली जाएं. इसमें सादा पानी नींबू-पानी, नारियल, छाछ, नॉन-सिरपी जूस लिया जा सकता है. इस बात का ख्याल रखें कि सिरप वाले लिक्विड से डायरिया बढ़ जाता है.
डॉ अश्विनी सेतिया

इसके अलावा डॉ सेतिया इस बात पर जोर देते हैं और आग्रह करते हैं कि इस दौरान बिना डॉक्टर को दिखाए खुद से कोई एंटीबायोटिक बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए.

अगर आपको बार-बार उल्टी हो रही है, दस्त होते दो-तीन दिन हो चुके हैं, पेट में बहुत दर्द और ऐंठन महसूस हो रहा है, बुखार है, डिहाइड्रेशन के लक्षण नजर आ रहे हैं, मांसपेशियों में कमजोरी, धुंधला दिख रहा है, तो इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर मेडिकल हेल्प लेने में देरी नहीं करनी चाहिए.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

फूड प्वॉइजनिंग से बचाव

अगर फल और सब्जियों को ठीक से धोकर इस्तेमाल न किया जाए, तो फूड प्वॉइजनिंग का खतरा रहता है.(फोटो: iStock)
  1. साफ-सफाई का खास ख्याल रखें- खाना बनाने या खाने की कोई भी चीज पकड़ने से पहले और बाद में अपने हाथ अच्छी तरह धोएं. खाने का बर्तन और दूसरी चीजें अच्छी तरह साफ करें.
  2. धोकर इस्तेमाल करें फल और सब्जियां- फल और सब्जियों के इस्तेमाल से पहले उन्हें अच्छी तरह साफ पानी से धोएं.
  3. कच्चे और खाने के लिए तैयार चीजें अलग रखें- शॉपिंग, कुकिंग या खाना स्टोर करने के दौरान कच्चे मीट, मछली जैसी चीजों को दूसरी चीजों से अलग रखें.
  4. सही तापमान पर पकाएं खाना- ज्यादातर चीजों में मौजूद रोगाणुओं को सही तापमान पर खाना पकाकर खत्म किया जा सकता है. खाने की चीजों को ठीक से पकाएं, लेकिन ओवरकुकिंग से बचें.
  5. खराब होने वाले फूड आइटम को फ्रिज में रखें- खाना तैयार करने के दो घंटे के अंदर उसे फ्रीज में रखें.
  6. खाने की जिन चीजों के खराब होने की शंका हो, उसे फेंक दें- खाने की चीजों को बहुत देर तक कमरे के तापमान में छोड़े जाने के बाद उसमें बैक्टीरिया या उसके टॉक्सिन हो सकते हैं. ऐसी चीजों को टेस्ट करने की बजाए फेंक दें. भले ही देखने और महकने में वो चीजें ठीक लगें.

खाना गर्म करते वक्त इस बात पर जरूर गौर करें

फूड प्वॉइजनिंग पर बात करते हुए खाना गर्म करने को लेकर डॉ सेतिया एक और अहम बात बताते हैं, जिन पर हमने शायद ही कभी ध्यान दिया हो.

एक खास तापमान होता है, जिस पर बैक्टीरिया डिसिन्टग्रेट होकर अपना टॉक्सिन छोड़ देते हैं. इसीलिए ऐसा नहीं करना चाहिए कि खाना आपने गर्म किया, फिर वो थोड़ा ठंडा हो गया तो आपने दोबारा उसे गर्म कर लिया, ये नहीं करना चाहिए. खाने को पूरी तरह से ठंडा हो जाने के बाद ही गर्माना चाहिए. अचानक तापमान बढ़ने से बैक्टीरिया से टॉक्सिन नहीं निकलता.
डॉ सेतिया

डॉ सेतिया बताते हैं कि इसके अलावा फूड प्वॉइजनिंग की और भी वजहें हो सकती हैं.

मेयो क्लिनिक के मुताबिक बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए फूड प्वॉइजनिंग काफी गंभीर हो सकता है. इसलिए ऐसे लोगों को कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए:

  1. कच्चा मीट-मछली-अंडा या इनसे तैयार खाने की चीजें, जो ठीक से पकी न हो
  2. कच्चा अंकुरित अनाज
  3. अनपैस्चराइज्ड दूध और मिल्क प्रोडक्ट्स, जूस और सिरका
  4. सॉफ्ट चीज़

फूड प्वॉइजनिंग के मामले गर्मियों ज्यादा देखने को मिलते हैं क्योंकि इस मौसम में खाने की चीजें जल्दी खराब होती हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप बाहर की चीजें खाने से परहेज करने के साथ ही घर पर भी सावधानी बरतें.

Become a Member to unlock
  • Access to all paywalled content on site
  • Ad-free experience across The Quint
  • Early previews of our Special Projects
Continue

Published: 10 May 2019,04:35 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT