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FAQ: भारत में मिले नए COVID वेरिएंट केस किसी नए खतरे का संकेत हैं?

महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना में 2 नए COVID वेरिएंट ‘4 N440K ’और ‘4 E484K’ पाए गए हैं.

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क्या हमें भारत में पाए गए नए वेरिएंट को लेकर चिंता करनी चाहिए?
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क्या हमें भारत में पाए गए नए वेरिएंट को लेकर चिंता करनी चाहिए?
(फोटो: iStock)

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भारत के 5 राज्यों - महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में COVID-19 मामलों में अचानक बढ़त दर्ज की गई है, विशेषज्ञों के मुताबिक इसके पीछे कोई नया वेरिएंट वजह हो सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ताजा कोविड-19 मामलों को लेकर पिछले सप्ताह की तुलना में ट्रेंड ऊपर की तरफ जाता दिख रहा है. पिछले 24 घंटों में 13,742 मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं, बुधवार 24 फरवरी को कुल मामलों का आंकड़ा 1,10,30,176 पर पहुंच गया.

नए मामलों में बढ़त मंगलवार की तुलना में करीब 3,158 ज्यादा है जबकि पिछले एक महीने में रोजाना 15,000 से कम नए मामले दर्ज हुए और मौतों का आंकड़ा 200 के पार नहीं गया.

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के पूर्व चिकित्सक और पूर्व प्रोफेसर डॉ. जैकब जॉन कहते हैं,

“कोई भी एपिडेमियोलॉजिस्ट पहला सवाल पूछेगा कि क्या ये नए संक्रमण हैं - वैसे लोगों के लिए जो COVID से कभी संक्रमित नहीं हुए - और उन लोगों के लिए रिइंफेक्शन जो पहले से ही वायरस से संक्रमित हो चुके है.”

क्या केस के बढ़ने के पीछे नए वेरिएंट हैं- ये जानने के लिए कई वायरोलॉजिकल स्टडीज चल रही हैं. इसी बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार, 23 फरवरी को दावा किया कि 3 राज्यों - महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना में 2 नए वेरिएंट- N440K और E484K पाए गए.

“पॉजिटिव मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग ने 2 वेरिएंट की पुष्टि की है जो देश में डॉमिनेंट वेरिएंट की तुलना में बड़ी संख्या में म्यूटेशन के साथ पाए गए हैं. वे महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना सर्कुलेट हो रहे हैं.”
मेंबर (स्वास्थ्य), नीति आयोग और कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स हेड वीके पॉल ने आईएएनएस को बताया.
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उन्होंने कहा कि ज्यादा संख्या में म्यूटेशन का पता चला है, हालांकि, अभी तक इनके और केरल और महाराष्ट्र में मामलों के बढ़ने के बीच कोई संबंध सामने नहीं आए हैं.

क्या हमें चिंता करनी चाहिए?

FIT को पहले दिए गए एक इंटरव्यू में, डॉ. जॉन ने कहा था कि एक नए वेरिएंट का मतलब होगा कि हमें ज्यादा सतर्क रहना होगा. हालांकि, निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें नए म्यूटेशन के प्रसार और वायरलेंस(ताकत) को जानने के लिए टेस्ट की जरूरत होगी. इसके अलावा, हम म्यूटेशन और बढ़ते मामलों के बीच लिंक जानने के लिए अभी भी एनआईवी-पुणे और आईसीएमआर के टेस्ट का इंतजार कर रहे हैं.

23 फरवरी को शीर्ष अधिकारियों नेआईएएनएस को ये बताया कि भारत में जेनेटिक डायग्नोस्टिक लैब्स ने पिछले एक साल में SARS-CoV-2 के स्ट्रेन में 24,000 से अधिक म्यूटेशन का पता लगाया है.

अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के करीब 7,000 वेरिएंट में म्यूटेशन का पता चला है, जो देश में सर्कुलेशन में हैं.

COVID-19 पर महाराष्ट्र सरकार के टेक्निकल एडवाइजर, डॉ. सुभाष सालुंखे कहते हैं कि इस संख्या से चिंता की कोई बात नहीं है.

“हर वायरस, खासकर से पैनडेमिक का खतरा पैदा करने वाले वायरस में म्यूटेशन होता है - ये असामान्य नहीं है. यहां तक कि हमारे भारतीय स्वदेशी वायरस में भी कई म्यूटेशन हैं. वायरोलॉजिस्ट कहते हैं कि हमारे यहां 3 से 4000 तक म्यूटेशन हुए हैं और ये आगे बढ़ेगा. कुछ ट्रांसमिशन बढाएंगे, कुछ वायरलेंस.”
डॉ. सुभाष सालुंखे
“हर वायरस, खासकर से पैनडेमिक का खतरा पैदा करने वाले वायरस में म्यूटेशन होता है - ये असामान्य नहीं है. यहां तक कि हमारे भारतीय स्वदेशी वायरस में भी कई म्यूटेशन हैं. वायरोलॉजिस्ट कहते हैं कि हमारे यहां 3 से 4000 तक म्यूटेशन हुए हैं और ये आगे बढ़ेगा. कुछ ट्रांसमिशन बढाएंगे, कुछ वायरलेंस.”

डॉ. सालुंखे ने कहा कि वो बढ़ते ट्रांसमिशन को देख रहे हैं लेकिन मृत्यु दर काफी प्रभावित नहीं हुई. फिर भी, ये म्यूटेशन सुझाव देते हैं कि हम अपने सुरक्षा को कम नहीं कर सकते हैं और मास्क लगाना चाहिए, दूरी और हाथ की स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए.

भारत में अन्य वेरिएंट

वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या इस सप्ताह बढ़कर 6 हो गई है.

पिछले हफ्ते मंत्रालय ने कहा था कि ऐसे 4 केस रिपोर्ट किए गए हैं.

पिछले हफ्ते, द इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा था कि पिछले 2 महीनों में COVID-19 के नए वेरिएंट से जुड़े कम से कम 192 मामलों का पता चला. इनमें शामिल थे-

  • दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट के 4 केस
  • ब्राजील वेरिएंट का एक केस
  • ब्रिटेन वेरिएंट के 187 केस

पिछले हफ्ते, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पिछले 15 दिनों में रोजाना औसत नए संक्रमण 9,000 से 12,000 के बीच रहे थे, जबकि मौतों की संख्या 78 से 120 के बीच थी.

नए मामलों में कम से कम 84% 6 राज्यों - महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, कर्नाटक और गुजरात से हैं. इन 6 राज्यों में नई मौतों का प्रतिशत 84.62 है.

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