advertisement
Diabetes In Children: डायबिटीज जो पहले बड़ों में होने वाली बीमारी मानी जाती थी, आज बच्चों में भी बड़ी संख्या में सामने आ रही है. ये एक ऐसी बीमारी है, जो पूरी बॉडी को बुरी तरह से प्रभावित करती है फिर वो चाहे बड़ों में हो या बच्चों में. एक्सपर्ट बताते हैं कि बच्चों में भी टाइप 2 डायबिटीज के मामले खराब लाइफस्टाइल की आदतों से जुड़े होते हैं.
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि भारत मोटापे के संकट के सामने खड़ा है. मोटापा कई तरह की बीमारी का कारण बनता है और उसमें से एक बीमारी डायबिटीज भी है.
बच्चों और बड़ों में ब्लड शुगर के लेवल का मापदंड एक ही होता है. वैसे तो बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज का जोखिम ज्यादा होता है. इस स्थिति में शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है. टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण बच्चों में एक जैसे होते हैं, जिन्हें समय पर पहचानने की जरूरत होती है. लक्षणों को अनदेखा न करें. कई बार टाइप 1 डायबिटीज में खतरा इतना बढ़ जाता है कि बात बच्चे की जान पर आ सकती है. ये हैं बच्चों में डायबिटीज के लक्षण.
थकान ज्यादा होना: बच्चों के ब्लड में शुगर का घटता और बढ़ता स्तर थकान पैदा कर सकता है.
(फोटो:iStock)
बार-बार पेशाब आना: टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में बच्चे को पेशाब ज्यादा आता है.
(फोटो:iStock)
बहुत ज्यादा प्यास लगना: शुगर का लेवल बढ़ने की वजह से उन्हें अधिक प्यास लग सकती है.
(फोटो:iStock)
भूख ज्यादा लगना: ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने से बच्चे को ज्यादा भूख लग सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इंसुलिन के अपर्याप्त उत्पादन की वजह से बॉडी में एनर्जी की कमी हो जाती है, जिससे बच्चा अक्सर भूखा महसूस करता है.
(फोटो:iStock)
वजन कम होना: डायबिटीज की वजह से बच्चों का वजन तेजी से कम हो सकता है.
(फोटो:iStock)