advertisement
वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया गया. दुनिया भर में मौजूदा कोरोना वायरस महामारी के साथ कई तरह की आशंकाएं, चिंताएं लोगों को सता रही हैं. लॉकडाउन ने मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला है. ऐसे में सवाल है कि आख़िर हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को इससे प्रभावित होने से कैसे बचाएं?
फिट हिंदी ने इस बारे में फोर्टिस हेल्थकेयर में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट हेड डॉक्टर कामना छिब्बर से बात की.
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि कोरोना लॉकडाउन से क्या आपकी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ा है? आप ये कैसे जान सकते हैं?
डॉक्टर कामना छिब्बर कहती हैं कि इस बीमारी से पैदा हुई चिंताओं, आशंकाओं का सब एक साथ सामना कर रहे हैं. इससे घबराहट, बेचैनी, तनाव होना आम है. आजकल कई लोगों को ये लगेगा कि उन्हें अकेलापन और इस तरह की परेशानियां महसूस होती है लेकिन वो कुछ समय के लिए होता है. ये दिक्कतें सिग्निफिकेंट दिक्कत तब बन जाती हैं जब ऐसी सोच आपके जहन में ज्यादा लंबे समय तक रह जाती है. आपकी नींद पर उसका असर पड़ने लगता है आपका सारा समय उसी सोच के साथ बीतता है. तब हम इसे मान सकते हैं कि ये मेंटल हेल्थ सिग्निफिकेंट हो गई है और उस पर मदद लेने की जरूरत होती है.
अचानक से हमारे सारे रोल मर्ज हो गए हैं, घुलमिल गए हैं. एक ही जगह एक ही समय में आपको कई तरह की चीजें करनी पड़ रही हैं. इसकी वजह से लोग खिंचाव महसूस करने लगते हैं. तनाव बढ़ रहा है. इसका असर रिश्तों में भी देखने के लिए मिल रहा है. अकेले रहने वालों को अपने परिवार की चिंता हो रही है.
इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि लॉकडाउन के दौरान जो भी आप महसूस कर रहे हैं उसके लिए एक्सेप्टेंस लाएं. आपको ये मानना पड़ेगा कि आपके दिमाग में इस तरह की सोच आएगी ही. इससे घबराएं नहीं. सोशल मीडिया पर लोगों को खुश देखकर घबराएं नहीं कि आपको भी वैसे ही महसूस करने की जरूरत है. इस चीज के लिए तैयार रहें कि थोड़ी बहुत घबराहट, फिक्र होगी लेकिन ये नॉर्मल है.
इसके बाद हम अपना फोकस शिफ्ट कर सकते हैं उन चीजों पर जिसे हम कंट्रोल कर सकते हैं. उससे आप अपने मेंटल हेल्थ को संभाल सकते हैं. आपका रूटीन आपके कंट्रोल में है. आज लोग सबसे बड़ी गलती ये कर रहे हैं कि वो इस समय तय नहीं कर पा रहे हैं कि वो कब उठेंगे, तैयार सही से नहीं होते. इसमें बदलाव लाने की जरूरत है.
सुबह उठने का समय और सोने का समय तय करें. वीकेंड्स को अलग रखें ताकि आपको छुट्टी जैसी फील आए. पहले कि ऑफिस टाइमिंग को ही फॉलो करने की कोशिश करें. ऐसा भी हो सकता है कि काम की तरफ से काफी एक्सपेक्टेशन हो, इसे बैलेंस रखें. दें जो आपकी कंट्रोल में हैं.
इसके साथ ही एक्सरसाइज करना, मेडिटेशन, योगा, प्राणायाम पसंद है तो वो करें. अपनी पसंद की एक्टिविटी जारी रखें. रूटीन फॉलो करें और सोशली कनेक्टेड रहें. उन्हीं चीजों पर ध्यान
कोरोना वायरस को लेकर जो एडवाइजरी जारी की गई है उसके खिलाफ ना जाएं उसको फॉलो करें. अपनी तरफ से पॉजिटिव रोल मॉडल बनना बहुत जरूरी है. ये न सोचें कि मेरे साथ बहुत बुरा हो रहा है. ये सोचें कि इस इन हालातों का जो भी आउटकम होगा वो हम सबके लिए होगा, हम सब इकट्ठे उसका सामना कर रहे हैं, करेंगे और सुधार की तरफ बढेंगे.
Published: undefined